नैनो परियोजना पर काम शुरू होना चाहिए : रामविलास (लीड-2)
कोलकाता, 9 सितम्बर (आईएएनएस)। इस्पात, रसायन एवं उर्वरक मंत्री रामविलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि नैनो परियोजना को आगे बढ़ाया जाना चाहिए और इस पर काम शुरू होना चाहिए। उन्होंने औद्योगिकीकरण की तो वकालत की लेकिन कहा कि किसानों के हितों की अनदेखी नहीं होनी चाहिए।
पासवान ने संवाददाताओं से कहा कि औद्योगिकीकरण जरूरी है लेकिन यह किसान और कृषि की कीमत पर नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं सिंगुर में नैनो कार बने लेकिन किसानों के हितों को भी देखा जाना चाहिए।
उधर पश्चिम बंगाल की प्रमुख विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस और सत्ताधारी वाम मोर्चा सिंगुर का जमीन विवाद सुलझाने का दावा तो कर रहे हैं, लकिन फार्मूले की अस्पष्टता की वजह से निर्माणाधीन 'नैनो' संयंत्र में लगातार आठवें दिन काम ठप रहा।
रविवार को तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी और वाम मोर्चे के बीच हुए समझौते के अस्पष्ट नतीजे की वजह से टाटा समूह ने फिलहाल काम स्थगित रखना ही बेहतर समझा है।
टाटा मोटर्स द्वारा नैनो फैक्ट्री और इसकी सहायक ईकाइयों के लिए अधिग्रहीत जमीन के बारे में और स्पष्टता की मांग किए जाने के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि परियोजना क्षेत्र की जमीन किसानों को नहीं लौटाई जाएगी।
उधर, सिंगुर के किसानों की क्षतिपूर्ति के तरीके सुझाने के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित चार सदस्यों वाली समिति ने कहा कि उसने परियोजना स्थल में ऐसे क्षेत्रों की पहचान की है, जहां की जमीन किसानों को लौटाई जा सकती है।
नैनो टाटा समूह की कंपनी टाटा मोटर्स की महत्वकांक्षी दुनिया की सबसे सस्ती एक लाख रुपये कीमत वाली कार है। इसे इसी वर्ष अक्टूबर में बाजार में उतारा जाना है, लेकिन यह परियोजना अब अधर में लटक गई लगती है।
गौरतलब है कि सिंगुर में नैनो परियोजना के लिए सरकार ने कुल 997.11 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। लेकिन तृणमूल कांग्रेस और कृषि जमीं जिबिका रक्षा कमेटी (केजेजेआरसी) का कहना है कि इसमें से 400 एकड़ जमीन किसानों से उनकी मर्जी के खिलाफ ली गई है, लिहाजा यह जमीन उन्हें लौटा दी जानी चाहिए।
ममता इस मांग को लेकर पिछले महीने की 24 तारीख से धरने पर बैठ गई थीं। प्रदर्शनकारियों द्वारा कथित रूप से संयंत्र के कर्मचारियों को डराए-धमका जाने की वजह से टाटा मोटर्स ने लगभग एक सप्ताह पहले संयंत्र में कामकाज बंद कर दिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।