बेरमैन भारत के लिए नियमों में छूट देने को तैयार नहीं
अरुण कुमार
अरुण कुमार
वाशिंगटन, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। बुश प्रशासन जहां भारत-अमेरिका परमाणु समझौते को अमेरिकी कांग्रेस से मंजूरी दिलाने के लिए प्रयासरत हैं, वहीं प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के डेमोक्रेट अध्यक्ष हावर्ड एल. बेरमैन ने समझौते को मंजूरी में शीघ्रता के लिए नियमों में ढील देने से इनकार किया है।
बेरमैन ने कहा कि वे भारत के साथ परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के समर्थक हैं लेकिन परमाणु अप्रसार के मानकों की अनदेखी करने वाली नीतियों के विरोधी हैं, जो परमाणु हथियारों की होड़ की ओर ले जा सकती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस में समझौते पर मतदान से पहले एनएसजी के निर्णय के अध्ययन की आवश्यकता है और इसके लिए अपरोक्ष रूप से किए गए किसी भी समझौते का सामने आना जरूरी है।
बेरमैन ने कहा कि बुश प्रशासन समझौते को विशेष प्रक्रिया द्वारा तेजी से मंजूरी दिलाना चाहता है। इसमें यह देखना होगा कि कि एनएसजी का निर्णय हाइड एक्ट के प्रावधानों से किस रूप में संगत है, जिसका वादा विदेशमंत्री कोंडोलिजा राइस ने किया था।
उन्होंने कहा कि सदन के एक पैनल के सामने 13 फरवरी को राइस ने उनको आश्वस्त किया था कि एनएसजी का कोई भी निर्णय हाइड एक्ट के प्रावधानों के पूरी तरह अनुरूप होगा।
बेरमैन ने कहा कि यह बुश प्रशासन की जिम्मेदारी है कि समझौते को मंजूरी देने के लिए कांग्रेस के सदस्यों को आश्वस्त करे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।