अमेरिका से समझौते के बाद अन्य देशों से भी एटमी करार : प्रणब
नई दिल्ली, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। अमेरिकी कांग्रेस से भारत-अमेरिका असैनिक परमाणु सहयोग समझौते को अमेरिकी कांग्रेस से मंजूरी के बाद भारत अन्य देशों के साथ भी परमाणु सहयोग के द्विपक्षीय समझौते करेगा।
विदेशमंत्री प्रणब मुखर्जी ने स्वास्थ्य पर एक बहु-राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद संवाददाताओं से कहा कि भारत 123 समझौते को स्वीकृति मिलने का इंतजार कर रहा है। इसके लिए आईएईए के साथ सेफगार्ड समझौते समेत अमेरिकी कांग्रेस को जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, उन्हें भारत उपलब्ध कराएगा।
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के साथ समझौते और एनएसजी की छूट को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु व्यापार के लिए पासपोर्ट की संज्ञा देते हुए मुखर्जी ने कहा कि आपूर्तिकर्ता देशों के साथ द्विपक्षीय समझौते के बाद ही हम वास्तव में परमाणु व्यापार के क्षेत्र में उतरेंगे।
तकनीकी रूप से भारत रूस और फ्रांस के साथ द्विपक्षीय परमाणु व्यापार में कदम रख सकता है। आईएईए समझौते और एनएसजी से छूट के बाद भारत पहले ही रूस और फ्रांस के साथ आणविक समझौतों को अंतिम रूप दे चुका है।
लेकिन भारत रूस और फ्रांस से पहले अमेरिका के साथ समझौते को पूरा करने का इच्छुक है, क्योंकि अमेरिका ने ही एनएसजी में पहल करते हुए भारत को परमाणु बिरादरी में लाने की प्रक्रिया की शुरूआत की थी।
भारत फ्रांस के साथ परमाणु सहयोग के मुद्दे पर इस महीने के अंत में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की यात्रा के दौरान चर्चा होगी लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं है कि दोनों देश द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे या नहीं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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