जलवायु परिवर्तन से निपटना है तो हाथों से धोइए कपड़े
सिडनी, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। अगर आप गंदे कपड़ों को मशीन से धोने के बजाय हाथों से धोते हैं, तो आप कहीं न कहीं ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी ला रहे होते हैं और इस तरह आप जलवायु परिवर्तन से लड़ रहे होते हैं।
उदाहरण के तौर पर एक गंदे टी शर्ट को धोने में जितनी ऊर्जा लगती है, वह उसके निर्माण में लगी ऊर्जा की तीन-चौथाई होती है। क्वींसलैंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोधकर्ता फ्रांसिस्को जेवियर नावारे ने सूती और पॉलिएस्टर टी शर्ट्स के निर्माण, इस्तेमाल और नष्ट होने के चरणों में पर्यावरण पर उसके प्रभाव का अध्ययन किया।
उन्होंने पाया कि समूचे जीवनकाल में एक टी शर्ट जितना कार्बन उत्पन्न करती है उसमें से 75 फीसदी उसके मशीन में धुलने के कारण पैदा होता है।
उन्होंने कहा कि इस तरह अगर अधिकांश लोग अपने कपड़ों को मशीन से धोने के बजाय हाथ से धोएं तो ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।