भारत दौरे में जटिल समस्याओं को उठाएं प्रचंड : माओवादी
काठमांडू, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। नेपाल में सत्ताधारी माओवादी पार्टी ने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' से कहा है वे अपनी भारत यात्रा के दौरान विभिन्न स्थलों के भ्रमण के बजाय कोसी नदी से हुई तबाही और 1950 के भारत-नेपाल संधि जैसे जटिल समस्याओं पर वहां की सरकार से बातचीत करें। प्रचंड रविवार को प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार नई दिल्ली जा रहे हैं।
काठमांडू, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। नेपाल में सत्ताधारी माओवादी पार्टी ने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' से कहा है वे अपनी भारत यात्रा के दौरान विभिन्न स्थलों के भ्रमण के बजाय कोसी नदी से हुई तबाही और 1950 के भारत-नेपाल संधि जैसे जटिल समस्याओं पर वहां की सरकार से बातचीत करें। प्रचंड रविवार को प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार नई दिल्ली जा रहे हैं।
वरिष्ठ माओवादी नेता और पार्टी के विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष सी. पी. गजुरेल ने सोमवार को कहा, "हमने उनसे कहा है कि वे महात्मा गांधी की समाधि या लाल किले का भ्रमण करने में समय नष्ट न करें।"
उन्होंने कहा कि नेपाली जनता को उनकी यात्रा से काफी उम्मीद है और सरकार को कोसी की समस्या और अन्य जटिल मुद्दों का समाधान ढूढ़ना पड़ेगा।
माओवादी पार्टी की केंद्रीय समिति ने प्रचंड की भारत यात्रा के लिए तीन मुद्दों को तय किया है। इनमें सबसे ऊपर है 1950 की भारत-नेपाल संधि, जिसे माओवादी खत्म करवाना चाहते हैं।
गजुरेल ने कहा कि इस संधि में संशोधन की कोई गुंजाइश नहीं है। इसे केवल खत्म किया जाना चाहिए और यह तभी हो सकेगा जब दोनों पक्ष इस पर सहमत हों या फिर एक पक्ष इसे खत्म करने का एकपक्षीय फैसला ले और दूसरे पक्ष को एक साल का नोटिस दे।
यद्यपि, माओवादी नेता ने कहा कि प्रचंड अपनी यात्रा के दौरान नोटिस नहीं देंगे बल्कि वे इस बारे में भारत के विचारों को भी सुनना चाहते हैं।
माओवादी पार्टी यह भी चाहती है कि प्रचंड भारत के साथ सीमा विवाद पर भी चर्चा करें। दोनों देशों के बीच 1880 किलोमीटर लंबी खुली सीमा नदियों के आधार पर तय की गई है। जब कभी नदियां अपनी बहाव की दिशा बदलती है तो विवाद खड़ा हो जाता है।
माओवादी नेता नेपाल के आंतरिक मामलों में भारत के बढ़ते हस्तक्षेप पर भी बातचीत चाहते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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