चेतावनी के बावजूद बाढ़ पीड़ित लौट रहे हैं अपने गांव
पटना, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों में जैसे-जैसे बाढ़ का पानी कम हो रहा है, राहत शिविरों से हजारों लोग वीरान हो चुके अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं। दरअसल, उन्हें भय है कि कहीं उनका कोई सामान चोरी न हो जाए।
पटना, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों में जैसे-जैसे बाढ़ का पानी कम हो रहा है, राहत शिविरों से हजारों लोग वीरान हो चुके अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं। दरअसल, उन्हें भय है कि कहीं उनका कोई सामान चोरी न हो जाए।
सामूहिक रूप से उनकी वापसी से राहत कार्यो को सुचारु रूप से चलाने को लेकर सरकारी एजेंसियां चिंतित नजर आ रही हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त आयुक्त प्रत्यय अमृत के अनुसार कुछ लोग चेतावनी के बावजूद अपने गांव लौट रहे हैं, जो हमारे लिए चिंता का विषय है।
उन्होंने बताया कि प्राप्त सूचना के अनुसार बाढ़ से प्रभावित इलाकों के 10 हजार से ज्यादा लोग राहत शिविरों को छोड़कर वापस अपने गांवों की ओर लौट चुके हैं।
अमृत ने आईएएनएस से कहा कि ऐसे वक्त में गांवों की ओर लौटना उनके जीवन के लिए सुरक्षित नहीं है। जो लोग वापस लौट रहे हैं, वे एक बार फिर बाढ़ में फंस सकते हैं क्योंकि कोसी नदी का जलस्तर सितम्बर और अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में भी बढ़ सकता है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा किए जा रहे अनुरोधों और चेतावनी पर गौर न करते हुए लोग अपनी मर्जी से गांव की ओर लौटने लगे हैं। इससे गांव खाली कराने की प्रक्रिया में शामिल सरकारी एजेंसियों के लिए नई चुनौतियां शुरू हो गई हैं।
पूरी तरह खाली हो चुके मधेपुरा जिला में पिछले तीन दिनों के अंदर हजारों लोग लौट चुके हैं।
बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री नीतीश मिश्रा ने जिला अधिकारियो से कहा है कि वे जनता से कुछ और दिनों तक राहत शिविर न छोड़ने का अनुरोध करें।
अधिकारियों के अनुसार सोमवार तक नौ लाख 71 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है जबकि लगभग दो लाख 57 हजार लोग 300 से ज्यादा राहत शिविरों में रह रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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