चीन ने कहा, हमने एनएसजी में भारत के लिए काम किया
नई दिल्ली, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत को छूट दिए जाने के मुद्दे पर 'अंड़गा' अटकाने वाले चीन के प्रति देश में बनी नकारात्मक छवि के बीच चीनी विदेश मंत्री यांग जिएची ने कहा है कि एनएसजी में उनके देश की भूमिका हमेशा 'रचनात्मक और जिम्मेदार' रही है और उन्होंने 'सर्वसम्मति के लिए काम किया' है।
विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी से बातचीत के बाद चीनी विदेश मंत्री ने पत्रकारों से कहा, "हमने एनएसजी में सर्वसम्मति के लिए कार्य किया। हम एक जिम्मेदार देश रहे हैं।" विदेश मंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है।
विएना में एनएसजी की बैठक में सर्वसम्मति बनाने में रोड़ा अटकाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा, "हमने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) और एनएसजी दोनों में रचनात्मक भूमिका निभाई।"
चीनी राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दिए गए सहयोग के आश्वासनों के बावजूद चीन द्वारा रोड़ा अटकाने संबंधी खबरों पर मुखर्जी ने 'आश्चर्य' और 'निराशा' व्यक्त की थी। इससे संबंधित सवाल को यांग ने हवा में उड़ा दिया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जब यांग ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की तो उन्होंने एक बार फिर कहा कि चीन भारत के साथ रणनीतिक और आर्थिक गठजोड़ कायम करने का इच्छुक है। सूत्रों के मुताबिक चीनी विदेश मंत्री ने इस पर जोर दिया कि चीन भारत को एक मित्र के रूप में देखता है न कि प्रतिद्वंद्वी के रूप में।
चीनी समकक्ष से भारत की निराशा जाहिर करने के बाद मुखर्जी इस मुद्दे को और खींचने के मूड में नहीं दिखे। दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के अलावा सीमा विवाद और दोनों देशों के बीच आर्थिक गठजोड़ को और मजबूत बनाने के बारे में बातचीत की।
चीनी विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली और क्वि झुआ विश्वविद्यालय के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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