कागज-कलम से दूर हो रहे हैं ब्रिटिश छात्र !
लंदन, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। तकनीकी उपकरणों ने भले ही समाज को कई क्षेत्रों में नई ऊंचाई प्रदान की है लेकिन यह भी सच है कि इससे कई पारंपरिक चीजों से हमारा नाता टूटता जा रहा है।
लंदन, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। तकनीकी उपकरणों ने भले ही समाज को कई क्षेत्रों में नई ऊंचाई प्रदान की है लेकिन यह भी सच है कि इससे कई पारंपरिक चीजों से हमारा नाता टूटता जा रहा है।
ब्रिटेन के छात्रों की माने तो कंप्यूटर और मोबाइल के बढ़ते हस्तक्षेप के कारण वे अब लिखना ही भूल गए हैं। की-बोर्ड और एसएमएस की दुनिया ने उन्हें कागज और कलम से कोसों दूर कर दिया है।
कई ब्रिटिश शिक्षण समूह हस्त लेखन कक्षाओं को प्रारंभ कराए जाने की मांग कर रहे हैं। खासकर परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्रों का जबाव देने के समय छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई छात्र तो ऐसे शिक्षकों की मांग करते हैं जो उन्हें लिखने की कला से एक बार फिर परिचित कराने में सहायता करें।
आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2005 मे 28,324 छात्रों ने लेखन कक्षाओं की मांग की थी वहीं 2007 में ऐसे छात्रों की संख्या बढ़कर 40,215 हो गई। कई ऐसे छात्र हैं जो एक मिनट में महज 10 शब्द भी नहीं लिख पाते हैं।
ब्रिटेन में छुट्टियों के दौरान हस्त लेखन को बढ़ावा देने के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित की जाती है। इस संबंध में 'रियल एजुकेशन' नामक संस्था प्रयास कर रही है।
संस्था से जुड़े निक सिएटन ने ब्रिटिश समाचार पत्र 'द इंडिपेंडेंट' को बताया कि अधिकतर छात्र ई-मेल और मोबाइल की दुनिया में ज्यादा वक्त व्यतीत करते हैं, जिसके कारण कागज और कलम से वे दूर होते जा रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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