छोटे शहरों में घरों की मांग 25 प्रतिशत घटी
नई दिल्ली, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। आवास क्षेत्र के कारोबार में आई गिरावट ने अब छोटे शहरों को भी गिरफ्त में ले लिया है। गृह ऋण महंगा होने की वजह से चालू वित्त वर्ष के फरवरी-जुलाई की अवधि में छोटे शहरों में घरों की मांग में 25 प्रतिशत की कमी आई है।
'एसोसिएटेड चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री आफ इंडिया' (एसोचैम) ने एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा है कि इस वर्ष फरवरी से जुलाई महीने के दौरान दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों में अचल संपत्ति का कारोबार लगभग 25 प्रतिशत घट गया।
रिपोर्ट के मुताबिक इन शहरों में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान अचल संपत्ति की खरीदारी 22-23 प्रतिशत बढ़ी थी।
एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा, "दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों में 30-40 वर्ष उम्र के लगभग 1.5 करोड़ लोग अचल संपत्ति की खरीदारी के लिए असमर्थ हो गए हैं। तेज मुद्रास्फीति और ऊंची ब्याज दरों की वजह से उनका उत्साह कमजोर पड़ गया है और बजट गड़बड़ा गया है।"
उन्होंने कहा, "ऊंची ब्याज दरों की वजह से अचल संपत्ति क्षेत्र के कारोबारी भी परियोजनाएं स्थागित करने के लिए मजबुर हो गए हैं।" एसोचैम की अध्ययन रिपोर्ट पाश्र्वनाथ, ओमेक्स, डीएलएफ, यूनीटेक और बीपीटीपी जैसी अचल संपत्ति क्षेत्र की कंपनियों की फीडबैक पर आधारित है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।