परमाणु करार से पलक्कड जिले का करीबी जुड़ाव
नई दिल्ली, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। बहुत अधिक लोगों को यह पता नहीं होगा कि केरल के उत्तरी इलाके में स्थित एक जिले पलक्कड का भारत अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते से गहरा संबंध है।
नई दिल्ली, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। बहुत अधिक लोगों को यह पता नहीं होगा कि केरल के उत्तरी इलाके में स्थित एक जिले पलक्कड का भारत अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते से गहरा संबंध है।
एक ओर जहां पलक्कड के रहने वाले दो प्रमुख राजनयिकों, विदेश सचिव शिवशंकर मेनन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम.के. नारायणन ने इस समझौते के क्रियान्वयन के लिए महत्वपूर्ण कोशिशें कीं वहीं पलक्कड के ही एक राजनेता और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव प्रकाश करात ने इसका जमकर विरोध किया।
पलक्कड के सांसद एन.एन. कृष्णदास ने आईएएनएस को बताया, "स्वतंत्रता के बाद से ही देश की विदेश नीति के निर्माण और आंतरिक सुरक्षा में पलक्कड का बहुत गहरा योगदान है। यह रिश्ता वी.पी. मेनन के साथ शुरू हुआ जो पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के सचिव थे। उन्होंने देश के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।"
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के 45 सदस्यों के सामने देश का पक्ष रखने वाले शिवशंकर मेनन के रक्त में ही विदेश नीति बसी हुई है। उनके पितामह के.पी.एस. मेनन देश के पहले विदेश सचिव थे जबकि उनके चाचा चीन में भारत के राजदूत रह चुके हैं। उल्लेखनीय है कि के.पी.एस. मेनन का नेहरू की विदेश नीति में गहरा हस्तक्षेप था। उन्होंने गुटनिरपेक्ष आंदोलन की नीति तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वामपंथी सांसद कृष्णादास ने विश्वास जताया कि परमाणु करार को लेकर कामरेड करात के विचार आने वाले समय में सही साबित होंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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