परमाणु करार की आखिरी बाधा पार करने की तैयारी में अमेरिका
वाशिंगटन, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) के देशों से भारत के साथ परमाणु व्यापार की छूट मिलने के बाद, अमेरिका अब भारत के साथ अपने करार को कांग्रेस से मंजूरी दिलाने की अंतिम व सबसे महत्वपूर्ण बाधा पार करने की तैयारी कर रहा है।
वाशिंगटन, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) के देशों से भारत के साथ परमाणु व्यापार की छूट मिलने के बाद, अमेरिका अब भारत के साथ अपने करार को कांग्रेस से मंजूरी दिलाने की अंतिम व सबसे महत्वपूर्ण बाधा पार करने की तैयारी कर रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलिजा राइस ने कहा है कि आने वाले दिनों में वे परमाणु समझौते को मंजूरी देने के लिए कांग्रेस की महत्वपूर्ण समितियों के नेताओं से बात करेंगी। नंवबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के लिए कांग्रेस का सत्र 26 सितम्बर को स्थगित होने वाला है।
उत्तर अफ्रीकी देशों का दौरा कर रही राइस ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस का सत्र समाप्त होने में काफी कम समय बचा है। करार के लिए सबसे प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मंजूरी का काम खत्म हो चुका है। उन्होंने विश्वास जताया कि समझौते को कांग्रेस की मंजूरी अवश्य मिल जाएगी।
राइस ने कहा कि यह परमाणु अप्रसार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम और भारत-अमेरिका संबंधों की प्रगति में एक लंबी छलांग है।
विदेश मंत्री ने स्वीकार किया कि उन्होंने एनएसजी से भारत के साथ परमाणु व्यापार की छूट दिलाने के लिए विदेशी अधिकारियों से काफी बात की। राइस ने कहा कि भारत के साथ परमाणु समझौते को अपनी विदेश नीति के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि मान रहे राष्ट्रपति बुश ने भी पकड़ से बाहर निकल रहे एनएसजी के कुछ देशों के नेताओं से बात की।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवार बराक ओबामा और जॉन मैक्के न समझौते के पक्ष में हैं। ओबामा ने इसके पहले हाइड एक्ट का झंडा उठाकर समझौते के लिए खतरा पैदा कर दिया था।
गौरतलब है कि हाइड एक्ट के अनुसार परमाणु समझौते को स्वीकार करने के लिए उसे 30 दिन पहले कांग्रेस के पूर्ण सत्र में पेश किया जाना अनिवार्य है। व्हाइट हाउस चाहता है कि सांसद इसमें छूट देकर जल्दी ही इस पर मतदान कर दें।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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