देश में 161 गीगावाट अतिरिक्त बिजली की जरूरत
नई दिल्ली, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) का आकलन है कि 11वीं और 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान देश में कम से कम 161 गीगावाट (161 अरब वाट) अतिरिक्त बिजली की जरूरत होगी।
'फेडरेशन आफ इंडियन चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री' (फिक्की) और 'क्रेडिट रेटिंग कंपनी' क्रिसिल ने संयुक्त रूप से 'भारतीय विद्युत क्षेत्र : समग्र क्षमता निर्माण' नामक एक अध्ययन रिपोर्ट जारी किया है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने ऊर्जा उत्पादन के नए लक्ष्य की प्राप्ति के लिए 4.1 खरब रुपये के कोष की जरूरत जताई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे ज्यादा जरूरतमंद क्षेत्रों में बिजली की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए भारी निवेश की जरूरत होगी। यह जरूरत सरकारी वित्तीय सहायता और आसान ऋणों के माध्यम से पूरी की जाएगी। सीईए के मुताबिक 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान बिजली वितरण क्षेत्र में लगभग 2.87 खरब रुपये की जरूरत होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक बिजली वितरण क्षेत्र में निवेश के लिए धन के प्राथमिक स्रोत सरकारी क्षेत्र होंगे। हालांकि इस निवेश में 10वीं पंचवर्षीय योजना के शेष 40 गीगावाट अतिरिक्त बिजली उत्पादन की योजना शामिल नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 10वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान उचित नीतियों और विनियामक ढांचे के अभाव में बिजली उत्पादन के कुल लक्ष्य में से 40 गीगावाट का उत्पादन बाकी रह गया था।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 11वीं और 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान बिजली क्षेत्र को लगभग 20 लाख कुशल मानव संसाधन की जरूरत पड़ेगी। इस जरूरत को पूरा करने के लिए अतिरिक्त औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्रों (आईटीआई) की आवश्यकता होगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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