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सिंगुर मसले पर राज्यपाल से मिलेंगी ममता

By Staff
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सिंगुर, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की प्रमुख विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी सिंगुर में टाटा मोटर्स की छोटी कार 'नैनो' परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन का 28 महीना पुराना मसला सुलझाने के लिए राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी से मुलाकात करेंगी।

सिंगुर, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की प्रमुख विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी सिंगुर में टाटा मोटर्स की छोटी कार 'नैनो' परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन का 28 महीना पुराना मसला सुलझाने के लिए राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी से मुलाकात करेंगी।

ममता ने रविवार को सिंगुर में संवाददाताओं से कहा कि मसला सुलझाने के लिए जारी बातचीत में शामिल होने के लिए गांधी की ओर से उन्हें निमंत्रण मिला है। ममता नैनो परियोजना के लिए कथित रूप से किसानों की मर्जी के खिलाफ अधिग्रहित जमीन वापस करने की मांग को लेकर पिछले महीने की 24 तारीख से धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही हैं।

गांधी इस मसले को सुलझाने के लिए राज्य सरकार के प्रतिनिधियों और किसान संगठन 'कृषिजमीं जीबन जिबिका रक्षा कमेटी' (केजेजेआरसी) के प्रतिनिधियों के बीच वार्ताओं की अध्यक्षता कर रहे हैं।

बनर्जी ने गांधी के पत्र का हवाला देते हुए कहा, "मैं आपलोगों को सूचित करना चाहता हूं कि चर्चा रचनात्मक है। मैं समझता हूं कि सरकार परियोजना स्थल के बाहर और भीतर किसानों को (वैकल्पिक) जमीन मुहैया कराने के प्रस्ताव पर सहमत है। इसलिए मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आप चर्चा में हिस्सा लें।"

रविवार सुबह गांधी ने राजभवन में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य के साथ लगभग एक घंटे तक चर्चा की। इसके बाद उन्होंने राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता पार्थ चट्टोपाध्याय से भी मुलाकात की। चट्टोपाध्याय तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं।

ममता ने कहा कि वे बातचीत के लिए हमेशा से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इन वार्ताओं से जमीन अधिग्रहण के मसले का सम्मानपूर्ण हल निकल सकता है।

उन्होंने कहा, "लेकिन यहां (सिंगुर में) हमारी मौजूदगी लगातार बनी रहेगी। मैं राज्यपाल से मुलाकात करुं गी और चर्चा के बाद लौट आउंगी। हम मसले का हल चाहते हैं।"

गौरतलब है कि कोलकाता से 40 किलोमीटर दूर सिंगुर में नैनो परियोजना के लिए सरकार ने कुल 997.11 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। लेकिन तृणमूल कांग्रेस और कृषि जमीं जिबिका रक्षा कमेटी (केजेजेआरसी) का कहना है कि इसमें से 400 एकड़ जमीन किसानों से उनकी मर्जी के खिलाफ ली गई है, लिहाजा यह जमीन उन्हें लौटा दी जानी चाहिए।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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