यूपी में मनी डिटेक्टर मशीनों की मांग बढ़ी

By Staff
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लखनऊ, 6 सितंबर: उत्तरप्रदेश में नकली नोटों के कई मामले सामने आने के बाद लोगों में जबरदस्त खौफ है। आलम यह है कि इस भय ने नकली नोट पकड़ने वाली मशीनों की मांग बढ़ा दी है। छोटे-बड़े सभी दुकानदार नोट को मनी डिटेक्टर मशीन में जांचने के बाद ही स्वीकार कर रहे हैं।

शो रूम मालिक और रिटेल दुकानदार नकली नोटों की जांच के लिए मनी डिटेक्टर मशीन लगा रहे हैं, वहीं आम आदमी जेब में लेजर टार्च लेकर घूम रहे हैं। लोगों में नकली नोट का भय इस कदर व्याप्त है कि वे एटीएम से पैसा निकालने में हिचक रहे हैं और इसके लिए चेक का सहारा ले रहे हैं।

लखनऊ के हजरतगंज स्थित पीटर इंग्लैंड शोरूम के मालिक आशुतोष चड्ढा कहते हैं कि हाल में डुमरियागंज में नकली नोटों का जखीरा मिलने के बाद हर समय यही डर लगा रहता है कि पता नहीं कब कोई नकली नोट थमाकर चला जाए। इसीलिए उन्होंने मनी डिटेक्टर मशीन लगा ली है।

उधर, रीबॉक शोरूम के श्याम बहल कहते हैं कि हाल ही में दो बार उन्हें कोई ग्राहक पांच-पांच सौ रुपये का जाली नोट थमा कर चला गया, जिसके चलते उन्होंने मनी डिटेक्टर मशीन लगा ली।

बाजार में मैथडेक्स सिस्टम, गोदरेज और क्लिक कंपनियों के मनी डिटेक्टर मशीन 1500 से 4000 रुपये तक में मौजूद हैं। क्लिक कंपनी के मार्केटिंग मैनेजर अश्वनी सहाय ने बताया कि हाल में नकली नोट की जांच करने वाली मशीनों की मांग बढ़ी है। उन्होंने बताया कि मशीन से निकलने वाली अल्ट्रा वायलट किरणों से नकली नोट आसानी से पकड़ में आ जाते हैं। वाराणसी स्थित एल.एन. कपूर एंड कंपनी के विशाल का कहना है कि इस महीने नोट जांचने वाली मशीनों की बिक्री जबरदस्त हुई।

महंगी मशीन न खरीद पाने वाले फुटपाथी दुकानदार 10 से 40 रुपये में मिलने वाली लेजर टार्च और नोट चेकर पेन का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये लेजर टार्च और पेन आजकल हर इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद की दुकान में उपलब्ध है।

कानपुर के परेड इलाके में पीसीओ चलाने वाले रजोल चौरसिया ने कहा कि आजकल 10 रुपये का भी नया नोट लेने में डर लगता है। वे लेजर टार्च से जांचने के बाद ही नोट अपने पास रखते हैं।

बैंकों में लगी नोट जांचने वाली मशीनें साफ्टवेयर आधारित होती हैं, जो नकली नोट को तुरंत पहचान लेती हैं। इनकी कीमत 15 से 75 लाख रुपये होती है।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के लखनऊ परिक्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक शिव कुमार ने आईएएनएस को बताया कि प्रदेश की 300 करेंसी चेस्ट वाली शाखाओं में 50 लाख रुपये की नोट जांचने वाली मशीने लगीं हैं। डुमरियागंज प्रकरण के बाद प्रदेश की बिना करेंसी चेस्ट वाली शाखाओं में गोदरेज की नोट जांचने वाली मशीनें लगाई गई हैं।

वहीं आईसीआईसीआई बैंक के एक अधिकारी ने माना कि नकली नोट के मामले सामने आने के बाद चेक के जरिए पैसे निकालने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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