बिहार बाढ़ : प्रभावित इलाकों में महामारी फैलने की आशंका
कोसी में पानी के कमी के कारण क्षेत्र में लोगों की परेशानियां जरूर कम हुई हैं लेकिन महामारी के फैलने की आशंका उन्हें परेशान करने लगी है। जानकारी के मुताबिक बाढ़ प्रभावित इलाकों में डायरिया तथा अन्य बीमारियों ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है।
सुपौल के छातापुर और त्रिवेणीगंज प्रखंडों तथा अररिया जिलों में सैकड़ों लोग डायरिया से पीड़ित बताए जा रहे हैं। डायरिया से कुछ क्षेत्रों में लोगों के मरने की भी सूचना मिल रही है हालांकि अब तक इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
इस बीच बाढ़ में फंसे आठ लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया गया है लेकिन अभी भी हजारों लोग पानी में घिरे हैं। कुछ छोटी नदियां अब भी बौराई हुई हैं। कटिहार के फलका प्रखंड की सात पंचायतों में बरंडी नदी का पानी तबाही मचाए हुए है। कोढा़-फलका सड़क पर पानी के बहाव के कारण सड़क का कटाव शुरू है तथा इस पथ पर आवागमन भी ठप है।
भागलपुर के सहजा तटबंध के टूटने के बाद उत्पन्न बाढ़ की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। नवगछिया अनुमंडल के लगभग सभी गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। भागलपुर के प्रमंडलीय आयुक्त अखिलेश्वर गिरी ने बताया कि सहजा तटबंध के मरम्मत का कार्य जारी है। उन्होंने माना कि उक्त तटबंध को मछुआरों ने काटा था तथा उनकी पहचान कर उन पर प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दे दिए गए हैं।
कटिहार के 10 प्रखंडों के 19 पंचायत में अभी भी बाढ़ का पानी बना हुआ है। वैसे पूर्णिया के बनमनखी, धमदाहा, बीकोठी, जानकीपुर जैसे इलाकों में बाढ़ का पानी घटा है परंतु कई क्षेत्रों की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। बाढ़ आने के बाद टापू में तब्दील सहरसा जिला के पतरघट प्रखंड की स्थिति अब भी नाजुक बनी हुई है।
राज्य के आपदा प्रबंधन राज्यमंत्री नीतीश मिश्र ने आईएएनएस को बताया कि सेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा सुदृढ़ीकरण बल (एनडीआरएफ) के जवानों द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्य में अब तक आठ लाख 39 हजार 331 बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया गया है। उन्होंने बताया कि अभी राज्य के सर्वाधिक प्रभावित पांच जिलों में सरकार द्वारा कुल 302 बाढ़ राहत शिविर चलाए जा रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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