क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

गणेश वंदना और रोजा है प्रगति की इबादत का हिस्सा

By Staff
Google Oneindia News

झांसी, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। कोई भी मजहब लड़ना नहीं सिखाता, दुनियां की सारी संतान एक ही शक्ति की देन है क्योंकि ईश्वर एक है। इस संदेश को जिसने भी जान लिया वह सच्चा इंसान बन गया। उन्हीं सच्चे इंसानों में से एक है झांसी की प्रगति शर्मा। जो न केवल गणेश उत्सव में गणपति की पूजा कर रही है बल्कि रमजान के रोजे भी रखे हुए है। उनके लिए दो धर्मो के धार्मिक अनुष्ठान अलग अलग नहीं है बल्कि ईश्वर की इबादत के हिस्से हैं।

माथे पर चंदन का टीका और गले में माला पहने देखकर 25 साल की प्रगति शर्मा को पहली ही नजर में कथित कट्टर हिन्दुवादी करार दिया जा सकता है, मगर कथित हिन्दुवादी नजर आने के बावजूद वह धर्म निरपेक्षता का उदाहरण पेश करती हैं। ब्राह्मण परिवार में जन्मी प्रगति के घर में पूजा पाठ का दौर अन्य हिन्दू परिवारों की तरह ही होता आ रहा है।

वे बताती हैं कि लगभग 10 साल पहले उनका रोजा रखने का मन हुआ। ऐसा करने की इच्छा उन्होंने अपनी मां दीप शिखा शर्मा से जताई। बेटी की इच्छा पर मां ने भी हामी भर दी। तब से शुरू हुआ यह सिलसिला आज भी जारी है। ऐसा नहीं है कि प्रगति को रोजा रखने की कीमत न चुकाना पड़ी हो। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की नगर मंत्री थी। जब परिषद के लोगों को पता चला कि वे रोजा रखती हैं तो विरोध हुआ। इसके बावजूद उन्होंने रोजा जारी रखा। परिणाम स्वरूप उन्हें नगर मंत्री का पद तो गंवाना ही पड़ा साथ में परिषद को भी अलविदा कहने को मजबूर कर दिया गया।

अभी गणेश उत्सव और रमजान के रोजे चल रहे हैं। प्रगति के घर में जहां गणेश वंदना गूंजती है वहीं वे रोजा रखी हुई हैं। प्रगति बताती हैं कि वे ठीक मुस्लिम समाज के लोगों की ही तरह सुबह उठती हैं और सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक थूक तक नहीं गुटकती। वे कहती हैं कि उन्हें रोजा रखने से सुकून मिलता है। उनकी इच्छा तो नमाज पढ़ने की है, और वक्त मिला तो वे इसे सीखकर पढें़गी भी।

प्रगति की पहचान युवा कवियत्री के तौर पर भी है। वे कई मंचों पर साम्प्रदायिक सद्भाव और देश भक्ति की रचनाओं का पाठ भी कर चुकी हैं। उनका कहना है कि जब ईश्वर एक है तो उस तक पहुंचने के लिए किसी भी मार्ग का सहारा लिया जा सकता है। इसीलिए वे भी गणेश सहित अन्य देवताओं को पूजती हैं और साथ में रोजे भी रखती है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें इसमें सुकून मिलता है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

**

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X