रिनपोछे का निधन, हिमाचल में प्रार्थना सभा आयोजित (लीड-2)
धर्मशाला/काठमांडू, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। तिब्बतियों के निर्वासित धर्म गुरु दलाई लामा के बड़े भाई ताकत्सेर रिनपोछे के निधन से तिब्बती समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है। हिमाचल प्रदेश के कई बौद्ध मठों में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई।
धर्मशाला में हजारों की संख्या में तिब्बती और उनके समर्थक मुख्य बौद्ध मठ में एक विशेष प्रार्थना सभा में शरीक हुए।
नेपाल में निर्वासित तिब्बतियों के बीच रिनपोछे के निधन की खबर से शोक की लहर दौड़ गई है। दरअसल रिनपोछे ने तिब्बत पर चीन के कब्जे के बाद बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
ताकत्सेर रिनपोछे निर्वासित तिब्बती नेताओं और चीनी अधिकारियों के बीच मध्यस्थ का काम कर रहे थे।
शुक्रवार को लंबी बीमारी के बाद ताकत्सेर रिनपोछे का अमेरिका में निधन हो गया था। उनके परिवार में पत्नी कुन्यांग नोर्बू के अलावा तीन बेटे हैं।
निर्वासित तिब्बती सरकार के एक प्रवक्ता थब्टेन सम्फेल ने निर्वासित तिब्बतियों के लिए इसे एक बड़ा नुकसान बताया है। उन्होंने कहा कि रिनपोछे तिब्बती संस्कृति और वहां के लोगों के अधिकार के लिए पूरी उम्र लड़ते रहे।
नेपाल में एक 63 वर्षीय तिब्बती ने कहा, "तिब्बत की आजादी की मुहिम का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हमने आज खो दिया।" रिनपोछे ने 1950 में चीन के साथ वार्ता में दलाई लामा के प्रतिनिधि के रूप में हिस्सा लिया था।
रिनपोछे जब भारत में थे तो उस समय उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्रालय और दलाई लामा के बीच बीजिंग और ल्हासा के मध्य 17 सूत्री समझौते पर हस्ताक्षर के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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