सिंगुर वार्ता स्थगन पर बुद्धदेब व गांधी के विरोधाभासी बयान (लीड-3)
कोलकाता, 5 सितम्बर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी और मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य ने सिंगुर विवाद सुलझाने के लिए प्रस्तावित वार्ता स्थगित होने के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है।
कोलकाता से 40 किलोमीटर दूर सिंगुर स्थित 'टाटा मोटर्स' की छोटी कार 'नैनो' का निर्माणाधीन उत्पादन संयंत्र फिलहाल विवादों में है।
इस संयंत्र के लिए अधिग्रहित जमीन का विवाद सुलझाने के लिए राज्य सरकार के प्रतिनिधियों और प्रमुख विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व में किसान संगठन के प्रतिनिधियों के बीच शुक्रवार की सुबह राजभवन के 'काउंसिल चैंबर' में वार्ता होने वाली थी। लेकिन इसे आज शाम चार बजे तक के लिए टाल दिया गया।
गांधी का कहना है कि मसला सुलझाने के लिए आज सुबह आयोजित वार्ता राज्य सरकार के अनुरोध पर टाल दी गई है। लेकिन मुख्यमंत्री का दावा है कि राज्यपाल खुद इस बैठक को स्थगित करना चाहते थे।
शुक्रवार की सुबह राज्य के उद्योग मंत्री निरुपम सेन के नेतृत्व में सत्ताधारी वाम मोर्चा के प्रतिनिधि और राज्य के विधानसभा में विपक्ष के नेता पार्थ चट्टोपाध्याय के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने कोलकाता स्थित राजभवन में गांधी से मुलाकात की। गांधी दोनों पक्षों की प्रस्तावित बैठक की अध्यक्षता करने वाले थे।
इस बैठक के तुरंत बाद राज्यपाल ने संवाददाताओं को बताया कि राज्य सरकार चाहती है कि प्रस्तावित बैठक शाम चार बजे तक के लिए टाल दी जाए।
उन्होंने कहा, "राज्य सरकार ने मुझसे निवेदन किया कि प्रस्तावित बैठक को कुछ घंटों के लिए टाल दिया जाए। इसी के मुताबिक मैने विपक्ष से आज शाम चार बजे बैठक करने के लिए कहा।"
लेकिन मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य ने कहा, "राज्यपाल ने तृणमूल कांग्रेस से कहा था कि वह विरोध प्रदर्शन अस्थाई रूप से रोक दे और राजमार्ग खोल दे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, इसलिए राज्यपाल ने खुद ही बैठक स्थगित कर दी।"
गौरतलब है कि सिंगुर में नैनो परियोजना के लिए सरकार ने कुल 997.11 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। लेकिन तृणमूल कांग्रेस और कृषि जमीं जिबिका रक्षा कमेटी (केजेजेआरसी) का कहना है कि इसमें से 400 एकड़ जमीन किसानों से उनकी मर्जी के खिलाफ ली गई है, लिहाजा यह जमीन उन्हें लौटा दी जानी चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस
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