बिहार बाढ़ : स्थिति में खास सुधार नहीं, मायावती ने किया निरीक्षण (लीड-1)
पटना, 5 सितम्बर (आईएएनएस)। बिहार में बाढ़ की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। कोसी का पानी लगातार घट बढ़ रहा है जबकि सेना के जवान बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्य में जुटे हुए हैं। उधर, बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया।
हवाई सर्वेक्षण के बाद उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि बाढ़ की विभीषका को प्रभावित क्षेत्रों में जाकर ही समझाा जा सकता है। उन्होंने बचाव एवं राहत कार्य के लिए 11 करोड़ रुपये देने की घोषणा भी की।
उधर, सहरसा और मधेपुरा जिले के कई पंचायतों में आज बाढ़ के पानी में तीन फुट तक कमी आई।। मधेपुरा के कुमारखंड, ग्वालपाड़ा तथा शंकरपुर प्रखंडों में बाढ़ का पानी घटा। पूर्णिया में भी बाढ़ के पानी में कमी आई।
बाढ़ प्रभावित सहरसा एवं सुपौल जिले के कुछ क्षेत्रों में जल स्तर एक बार फिर बढ़ गया है। मधेपुरा जिले में सेना द्वारा बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने का सिलसिला जारी है तो पूर्णिया और अररिया में स्थिति जस की तस बनी हुई है।
मधेपुरा के जिलाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि जिले के कुमारखंड, मुरलीगंज और ग्वालपाड़ा में कोसी का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। उन्होंने लोगों से बाढ़ प्रभावित इलाकों को छोड़कर जाने की सलाह भी दी। उन्होंने शुक्रवार को बताया कि बाहर गए लोगों को भी अभी नहीं लौटना चाहिए।
उधर, भागलपुर जिले के खरीक प्रखंड के दादपुर गांव के पास टूटे सहजा बांध के मरम्मत का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इस बांध के टूटने से जिले के चार प्रखंडों में बाढ़ का पानी घुस गया था। उधर, सहजा बांध का पानी श्रीपुर के खरकई नदी में उतर रहा है, इससे बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
इधर, राज्य के आपदा प्रबंधन राज्यमंत्री नीतीश मिश्र ने आईएएनएस को बताया कि बाढ़ग्रस्त इलाकों से अब तक सात लाख 70 हजार से ज्यादा लोगों को बाहर निकाला जा चुका है। उन्होंने बताया कि अब भी 70 हजार से एक लाख लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं। दो लाख, 78 हजार से अधिक विस्थापितों को राहत शिविरों में रखा गया है।
मिश्र ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वायुसेना के 11 हेलीकाप्टरों द्वारा अब तक 77,375 खाने के पैकेट गिराये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि राहत एवं बचाव कायरें के लिए पांच बाढ़ प्रभावित जिलों में 256 राहत शिविर, 116 चिकित्सा शिविर तथा 65 पशु शिविर खोले गए हैं और चिकित्सकों की कमी को देखते हुए अन्य जिलों से चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की जा रही है तथा अनुबंध पर भी चिकित्सक नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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