बच्चों की रुचि पुस्तकों की बजाय इंटरनेट में ज्यादा
नई दिल्ली, 5 सितम्बर (आईएएनएस)। इंटरनेट की दुनिया बच्चों को ज्यादा ही रास आ रही है। अब वे पुस्तकों को दरकिनार कर डिजिटल सामग्रियों में अधिक रुचि लेने लगे हैं। तो क्या मान लिया जाए कि मुद्रित सामग्रियों पर डिजिटल सामग्री हावी है?
नई दिल्ली, 5 सितम्बर (आईएएनएस)। इंटरनेट की दुनिया बच्चों को ज्यादा ही रास आ रही है। अब वे पुस्तकों को दरकिनार कर डिजिटल सामग्रियों में अधिक रुचि लेने लगे हैं। तो क्या मान लिया जाए कि मुद्रित सामग्रियों पर डिजिटल सामग्री हावी है?
'अमेरिकी सूचना संसाधन केंद्र' की पूर्व निदेशक रंजना भटनागर ने आईएएनएस से कहा, "हम लोगों को बच्चों के परिप्रेक्ष्य में भी सोचना चाहिए। यदि उन्हें इंटरनेट पर सभी जानकारियां सहजता से मिल जाती हैं तो क्यों कोई बालक पुस्तकों को पढ़ना चाहेगा! वे लोग कट-पेस्ट करते हैं और अपने नियमित कार्य पूरा कर लेते हैं।"
उनके मुताबिक, "पढ़ना बच्चों की पहली प्राथमिकता नहीं होती , बल्कि मनोरंजन करना, कंप्यूटर पर गेम खेलना और फिल्मों को डाउनलोड करना उनकी पहली प्राथमिकता रहती है। "
बातचीत में भटनागर ने कहा, "कड़ी स्पर्धा के इस युग में इंटनेट के माध्यम से तत्काल कई जानकारियां प्राप्त की जा सकती हैं लेकिन सच यह है कि पुस्तकें पढ़ने से पूरी जानकारी मिलती है। टेलीविजन या इंटरनेट पुस्तकों की जगह नहीं ले सकता।"
लोग आज के समय को इंटरनेट का युग मान रहे हैं और इस क्षेत्र में तेजी से क्रांति आई है। इसके बावजूद अनुमान है कि दुनिया भर की 15 प्रतिशत से भी कम जानकारियां इंटरनेट पर मौजूद हैं, जबकि पुस्तकों से ढेरों जानकारियां मिलती हैं।
शिक्षक दिवस के अवसर पर शुक्रवार को 'कथा' प्रकाशन ने एक कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक और पुस्तकालय अध्यक्षों ने भाग लिया। कार्यक्रम में छात्रों की पढ़ने की आदतों पर विचार विमर्श किया गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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