प्रधानमंत्री इस्तीफा दें या सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाएं : भाजपा (लीड-1)
नई दिल्ली, 4 सितम्बर (आईएएनएस)। परमाणु करार के मुद्दे पर हुए ताजा खुलासे के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का इस्तीफा मांगा है। भाजपा ने कहा है कि यदि प्रधानमंत्री इस्तीफा नहीं देते तो इस सूरत में जल्द से जल्द संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए ताकि वह प्रधानमंत्री के खिलाफ संसद की अवमानना का प्रस्ताव ला सके।
नई दिल्ली, 4 सितम्बर (आईएएनएस)। परमाणु करार के मुद्दे पर हुए ताजा खुलासे के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का इस्तीफा मांगा है। भाजपा ने कहा है कि यदि प्रधानमंत्री इस्तीफा नहीं देते तो इस सूरत में जल्द से जल्द संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए ताकि वह प्रधानमंत्री के खिलाफ संसद की अवमानना का प्रस्ताव ला सके।
पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा और पूर्व विनिवेश मंत्री अरुण शौरी ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री ने परमाणु करार के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों को कई मौकों पर गुमराह किया है। ऐसा करके प्रधानमंत्री ने संसद की अवमानना की है।"
दोनों नेताओं ने कहा, "इस मुद्दे पर भाजपा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग करती है। प्रधानमंत्री यदि इस्तीफा नहीं देते हैं तो संसद का विशेष सत्र जल्द से जल्द से बुलाया जाना चाहिए। भाजपा इस विशेष सत्र में प्रधानमंत्री के खिलाफ संसद की अवमानना का प्रस्ताव लाएगी।"
यशवंत सिन्हा ने कहा, "भाजपा शुरू से ही कह रही है कि भारत-अमेरिका परमाणु करार के मुद्दे पर केंद्र सरकार संसद को जो जानकारी दी है और बुश प्रशासन अमेरिकी कांग्रेस को जो जानकारी दे रही है, दोनों में जमीन आसमान का फर्क है। इस बारे में अमेरिकी प्रशासन कुछ कहता रहा है और भारत सरकार अपना ही राग अलापती रही है।"
उन्होंने कहा, "करार के मुद्दे पर हमारी जो आशंकाएं रही है वे आज पूरी तरह से सच साबित हुई हैं। हमारी आशंकाएं देश की प्रतिष्ठा से जुड़ी है। 'वाशिंगटन पोस्ट' के ताजा खुलासे में जो बातें सामने आई हैं वह भी देश की प्रतिष्ठा से ही जुड़े हैं। इस खुलासे से साफ हो गया है कि परमाणु करार के बाद भारत के पास परमाणु विस्फोट का अधिकार नहीं रहेगा।"
सिन्हा ने कहा, "हाइड एक्ट न सिर्फ भारत के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि यह 123 समझौते पर भी बाध्य होगा और 123 समझौता भारत पर बाध्य है। समझौते के ताजा स्वरूप से भारत और अमेरिका के संबंध बिगड़ेंगे।"
उन्होंने कहा कि यदि हम ताजा खुलासे को नजरअंदाज करते हैं तो यह एक गंभीर गलती होगी और भविष्य में हमें इसके परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि ताजा खुलासे के बाद विएना में चल रही परमाणु आपूर्ति समूह की बैठक भी अब बेमानी हो गई है। इस बैठक को अब कोई मतलब नहीं रहा।
अरुण शौरी ने इस मौके पर कहा कि बेहतर होता कि भारत सरकार इन जानकारियों का संसद के समक्ष खुलासा करती लेकिन यह बेहद दुखद है कि एक विदेशी अखबार में हुए खुलासे के बाद हमें इसकी जानकारी मिली। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कम से कम 10 मौकों पर संसद को गुमराह किया है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में बुश प्रशासन द्वारा अमेरिकी संसद के विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष होवर्ड एल. बर्मन को लिखे गए 26 पन्नों के पत्र के ताजा खुलासे में यह बात सामने आई है कि यदि करार के बाद भारत यदि परमाणु परीक्षण करता है तो अमेरिका उसके साथ परमाणु व्यापार खत्म कर देगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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