बिहार बाढ़ : भागलपुर के 12 गांवों में घुसा पानी (लीड-2)
पासवान ने सर्वेक्षण के बाद पूर्णिया में पत्रकारों को बताया कि लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) बाढ़ पीड़ितों के लिए सजग है। उन्होंने कहा कि यह त्रासदी क्यों आई इस पर बहस करने का समय नहीं है। उन्होंने बताया कि लोजपा एक-एक लाख पैंट-शर्ट, साड़ी, धोती, लूंगी आदि कपड़े बाढ़ पीड़ितों को मुहैया कराएगी।
इसके अतिरिक्त बाढ़ पीड़ितों को भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) द्वारा मुफ्त दवा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस त्राासदी में सबों को मिलकर काम करना चाहिए।
उधर, बाढ़ राहत और बचाव कार्य को और तेज कर दिया गया है लेकिन तंबुओं की भारी कमी के कारण सेना को राहत कार्यो में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सेना की ओर से अभी तक महज 500 तंबू ही भेजे गए हैं, जिसमें 5000 लोग रह सकते हैं, जबकि बाढ़ से सूबे के 15 जिलों के 1598 गांवों के करीब 25 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
सेना के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, "सेना की ओर से केवल 500 तंबू ही उपलब्ध कराए गए हैं। सेना के पास तंबुओं की कमी है, क्योंकि हाल ही में चीन में आए भूकंप के दौरान भारत सरकार ने तंबुओं को चीन भेज दिया था।"
अधिकारी के मुताबिक भारत ने चीन में 1752 तंबू भेजे हैं। बुधवार को उत्तरप्रदेश के कानपुर से 500 तंबू बिहार भेजे गए। एक तंबू में 10 से 12 लोग शरण ले सकते हैं।
सरकार का मानना है कि अब भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में 70 हजार से एक लाख लोग फंसे हुए हैं। आपदा प्रबंधन मंत्री नीतीश मिश्र ने गुरुवार शाम को बताया कि अब तक सरकार द्वारा 7 लाख, 69 हजार 800 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाल लिया गया है। हालांकि उन्होंने कहा कि करीब एक लाख लोग अब भी फंसे हुए हैं। इनमें कई लोग तो ऐसे हैं जो घर में चोरी की आशंका से घर नहीं छोड़ना चाहते। वैसे सरकार सभी लोगों को सुरक्षित निकालना चाहती है।
बताया जाता है कि भागलपुर जिले के खरीक प्रखंड के दादपुर और सिरीपुर गांव के बीच तीन माह पूर्व बने सहजा बांध में दरार आ जाने से कोसी का पानी नवगछिया अनुमंडल के निचले इलाकों में प्रवेश कर गया। इससे बिहपुर और खरीक प्रखंड के 12 गांवों में पानी प्रवेश कर गया है।
भागलपुर के प्रमंडलीय आयुक्त अखिलेश्वर गिरी ने गुरुवार को बताया कि जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता समेत बड़े अधिकारी मौके पर मौजूद हैं तथा पानी रोकने के पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सहजा बांध में दरार बढ़ जाने और पानी का बहाव ज्यादा होने से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-31 और बरौनी-गुवाहाटी रेलखंड पर खतरा हो सकता है।
उधर, सुपौल जिले के प्रतापगंज एवं छातापुर प्रखंडों की सीमा पर मिरचिया नदी में एक नाव के पलटने से तीन लोग लापता हो गए। सुपौल के जिलाधिकारी एऩ श्रवण कुमार ने बताया कि बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के क्रम में मिरचिया नदी में बुधवार शाम एक नाव पलट गई थी। उन्होंने बताया कि नाव पर सवार अधिकांश लोगों को बचा लिया गया परंतु अब भी तीन लोग लापता हैं।
उधर, कोसी नदी के जलस्तर में गिरावट जारी है परंतु अब भी बाढ़ का पानी कई इलाकों में घुसा हुआ है। पूर्णिया के अमौर प्रखंड में अब भी बाढ़ का पानी कहर बरपा रहा है। धमदाहा प्रखंड की चार पंचायतों में कोसी का पानी घुसने से लगभग चार सौ परिवार प्रभावित हुए हैं।
उधर, जानकारी के मुताबिक सहरसा जिले के पतरघट प्रखंड के दर्जनों गांवों में हजारों लोग फंसे हुए हैं। मधेपुरा जिला के शंकरपुर, मुरलीगंज, कुमारखंड, ग्वालपाड़ा, उदाकिशुनगंज प्रखंडों में बड़ी संख्या में लोगों के फंसे होने की सूचना मिल रही है। कटिहार में कोसी के जलस्तर में सात सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई है तो कुसहा में पानी घटने के बाद कोसी खतरे के निशान से दो मीटर नीचे आ गई है।
इधर, राज्य के आपदा प्रबंधन राज्यमंत्री नीतीश मिश्र ने बताया कि बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने का काम जारी है। उन्होंने कहा कि कोसी का पानी अब कुछ घटा है तथा गांवों को नक्शे के आधार पर पहचान की जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित जिलों से करीब छह लाख लोगों को सरकार द्वारा निकाला गया है, जबकि बाढ़ राहत शिविरों में ढाई लाख से अधिक लोग रह रहे हैं।
उन्होंने बताया किया कि इतनी बड़ी त्रासदी से उबरने में थेाड़ा समय जरूर लगेगा परंतु सरकार बहुत जल्द लोगों के जीवन को पटरी पर ले आएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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