आचार्य रामचंद्र शुक्ल पर पुस्तक का लोकार्पण
नई दिल्ली, 4 सितम्बर (आईएएनएस)। यहां चल रहे चौदहवें दिल्ली पुस्तक मेले में बुधवार को प्रकाशन विभाग, सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रकाशित हिन्दी आलोचना के पितामह रामचंद्र शुक्ल की जीवनी आचार्य रामचंद्र शुक्ल (लेखक - मुक्ता और श्रीमती कुसुम चतुर्वेदी) का लोकार्पण हिन्दी के प्रख्यात समालोचक और विद्वान प्रोफेसर मैनेजर पांडे ने किया।
आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिन्दी आलोचना के जनक माने जाते हैं। विभाग ने उन पर हाल ही में यह पुस्तक आचार्य रामचंद्र शुक्ल प्रकाशित की है। शुक्ल जी पर ज्यादातर पुस्तकें उनके आलोचनाकर्म पर केन्द्रित हैं। दुर्लभ चित्रों से युक्त यह जीवनी उनके परिजनों द्वारा लिखी गई है जो बाजार में शुक्ल जी पर उपलब्ध अन्य पुस्तकों की तुलना में विशिष्ट है। शुक्ल जी की इस प्रामाणिक जीवनी में उनके व्यक्तित्व के कई अनछुए पहलुओं को पहली बार सामने लाया गया है।
पुस्तक की दो लेखिकाओं में से डा. मुक्ता आचार्य रामचंद्र शुक्ल साहित्य शोध संस्थान वाराणसी, की सह-निदेशक और शुक्ल जी की प्रपौत्री तथा कुसुम चतुर्वेदी उनकी पौत्री हैं। 277 पृष्ठों की इस पुस्तक की कीमत 165 रुपये है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।