आलोचकों ने भारत को छूट के नए अमेरिकी मसौदे की निंदा की
अरुण कुमार
अरुण कुमार
वाशिंगटन, 4 सितम्बर (आईएएनएस)। भारत-अमेरिका परमाणु समझौते को पटरी से उतारने की एक और कोशिश करते हुए एक परमाणु अप्रसार गुट ने परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) से भारत को छूट देने के लिए अमेरिका द्वारा फिर से तैयार मसौदे को भी अस्वीकार करने का आग्रह किया है।
हथियार नियंत्रण संगठन (एसीए) के निदेशक डेरियल जी. किम्बल ने 4-5 सितम्बर को विएना में एनएसजी की हो रही बैठक के पहले जारी एक विज्ञप्ति में कहा है कि अमेरिका के नए मसौदे में कोई भी महत्वपूर्ण बदलाव नहीं किया गया है और यह पुराने प्रस्ताव के ही समान है।
भारत को परमाणु व्यापार की छूट के लिए एनएसजी के सामने पेश की जाने वाली अमेरिकी मसौदे की एक प्रति एसीए को भी प्राप्त हुई है। समझौते का शुरू से ही विरोध करने वाले किम्बल ने कहा कि इसमें केवल दिखावे के लिए दो बदलाव किए गए हैं।
एसीए के अनुसार दिखावे के लिए किए गए दो बदलावों में से एक के लिए नया पैरा जोड़ा गया जिसके अनुसार, भारत को छूट की मंजूरी के बाद एनएसजी के देश भारत के साथ किए जाने वाले द्विपक्षीय सहयोग की प्रत्येक जानकारी एक दूसरे को उपलब्ध कराएंगे।
किम्बल ने कहा कि एनएसजी को भारत के परमाणु व्यापार के नियमित निरीक्षण के बदले में यह विकल्प उपलब्ध कराया गया है।
दूसरे नए प्रस्ताव के तहत यदि परिस्थितियों की मांग हुई तो एनएसजी के देश आपात बैठक बुला सकते हैं। यह प्रस्ताव भारत द्वारा किसी संभावित परमाणु परीक्षण पर प्रतिक्रिया करने के लिए है।
किम्बल का कहना है कि यह प्रावधान एनएसजी के निर्देशों के 16 वें पैरा में पहले से ही है।
गौरतलब है कि परमाणु अप्रसार पर बहुत गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका के कारण आस्ट्रिया, आयरलैंड, न्यूजीलैंड,नीदरलैंड, नार्वे और स्विट्जरलैंड भारत को परमाणु व्यापार की छूट दिए जाने के विरोध में हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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