यूएस ओपन : बड़ी मुश्किल से जीते फेडरर (लीड-1)
न्यूयार्क, 3 सितम्बर (आईएएनएस)। एक समय दिग्गजों को आसानी से धूल चटाने वाले दुनिया के दूसरी वरीयता प्राप्त टेनिस खिलाड़ी स्विटजरलैंड के रोजर फेडरर को साल के चौथे ग्रैंड स्लैम अमेरिकन (यूएस) ओपन के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए अपने से काफी नीचे की वरीयता वाले खिलाड़ी के खिलाफ अच्छी खासी मेहनत करनी पड़ी।
मंगलवार को खेले गए प्री-क्वार्टर फाइनल मैच में रूस के इगोर एंद्रीव को हराने के लिए फेडरर को पांच सेट तक इंतजार करना पड़ा। हालांकि वे यह मैच 6-7 (5), 7-6 (5), 6-3, 3-6, 6-3 से जीतकर अंतिम आठ में पहुंचने में सफल रहे, लेकिन अगर उनका लचर प्रदर्शन जारी रहा तो आने वाले मुकाबलों में उन्हें दिक्कत होगी।
इस वर्ष फेडरर ने अब तक कोई बड़ा खिताब नहीं जीता है। इस लिहाज से यूएस ओपन उनके लिए बहुत अहम हो गया है। फ्रेंच ओपन और विंबलडन में मिली हार के कारण उनकी साख पर काफी बट्टा लगा है।
एक अन्य मुकाबले में प्रतियोगिता के तीसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नोवाक जोकोविक ने टॉमी रोब्रेडो को मैराथन मुकाबले में 4-6, 6-2, 6-3, 5-7, 6-3 से हरा दिया।
इसी तरह, एक अन्य मुकाबले में जाइल्स मुलर ने दो बार सेमीफाइनल खेल चुके निकोल डेवीडेंको को 6-4, 4-6, 6-3, 7-6 (12-10) से हराया।
उधर, भारत के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस अपने जोड़ीदारों के साथ शानदार प्रदर्शन करते हुए मिश्रित युगल वर्ग के फाइनल तथा युगल वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं।
पेस जिंबाब्वे की अपनी जोड़ीदार कार्ला ब्लैक के साथ मिश्रित युगल मुकाबले के फाइनल में पहुंच गए हैं। दोनों ने सेमीफाइनल मैच में स्वीडन के जोनास ब्यौर्कमैन और रूस की नादिया पेत्रोवा को 6-4, 6-4 से पराजित किया।
युगल वर्ग में पेस और उनके जोड़ीदार लुकास डुल्ही को सातवीं वरीयता दी गई है। इन दोनों ने मंगलवार को खेले गए क्वार्टर फाइनल मैच में स्वीडन के रॉबर्ट लिंड्सेडट और फिनलैंड के जारको नेमिनेन की जोड़ी को 6-3, 6-7, 6-3 से पराजित किया।
सेमीफाइनल में पेस-डुल्ही का सामना अर्जेटीना के मैक्सिमो गोंजालेज और जुआन मोनाको की जोड़ी से होगा।
पेस ने चेक गणराज्य के मार्टिन डैम के साथ 2006 में आखिरी बार यहां युगल खिताब जीता था। वे 1999 और 2004 में यहां उपविजेता रहे थे, जबकि 1993, 1997 और 1998 में सेमीफाइनल खेल चुके हैं।
पेस ने कहा, "मैंने बहुत छोटी उम्र में टेनिस खेलना शुरू किया था। आज मैं इस खेल में सिर्फ इसलिए सक्रिय हूं क्योंकि मुझे इस खेल से प्यार है। टेनिस ने मुझे अपार खुशियां दी हैं। मेरे अंदर जब तक इच्छा बाकी है, तब तक मैं खेलता रहूंगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।