मोदी ने सिमी की तुलना तालिबान से की
नई दिल्ली, 3 सितम्बर (आईएएनएस)। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) की तुलना आतंकवादी संगठन तालिबान से की है। अहमदाबाद धमाकों में सिमी के हाथ होने के प्रमाण का दावा करते हुए मोदी ने कहा कि केरल से कश्मीर तक हुई छानबीन में जो बातें उभरकर सामने आई हैं वह बेहद गंभीर है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केंद्रीय कार्यालय में नेता विपक्ष लालकृष्ण आडवाणी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "सिमी के देश भर में फैले नेटवर्क की हमने गहन छानबीन की है। इस दौरान हमने पाया कि देश के कुल नौ राज्यों में जमीनी स्तर पर इनका नेटवर्क फैला हुआ है।"
उन्होंने कहा, "सिमी में सिर्फ 30 साल की उम्र तक के नौजवानों की भर्ती होती है। जबकि इंडियन मुजाहिद्दीन में उम्र की सीमा नहीं है। सिमी में शामिल होने वाले युवा पढ़े लिखे हैं और वे आर्थिक रूप से संपन्न परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। ये नौजवान तालिबान के सपनों को एक दूसरे से बांटते हैं।"
'महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम' (मकोका) की तर्ज पर गुजरात में 'गुजरात संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम' (गुजकोक) बनाने के प्रस्ताव को रोके रखने के लिए मोदी ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र में मकोका है और उससे 50 किलोमीटर दूर गुजरात में यदि संगठित अपराध होता है तो मैं खुद को असहाय महसूस करता हूं।"
मोदी ने कहा, "कभी कभी कठोर कानून बनाने जरूरी होते हैं। अच्छे परिवारों के बच्चे इससे डरते हैं। कानून बनाने से पढ़े लिखे युवा इस रास्ते पर जाने से घबराएंगे।"
उन्होंने कहा कि गुजकोक के बारे में वे जब प्रधानमंत्री से मिलते हैं तो वे मीठी-मीठी बातें करते हैं। लेकिन वे हमारी मांग को न तो स्वीकारते हैं और ना ही अस्वीकार करते हैं। सरकार सिर्फ समय की बर्बादी कर रही है। सरकार के इस रवैये का मजा आतंकवादी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की वोट बैंक की राजनीति आतंकवादियों के लिए ढाल बन गई है।
मोदी ने कहा कि सब जुट जाए तो बहुत मात्रा में आतंकवादियों की सफाई की जा सकती है। सरकार आतंकवाद के इस संकट को नहीं समझ रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।