सर्वोच्च न्यायालय ने ईसाइयों की सुरक्षा याचिका पर उड़ीसा सरकार से जवाब मांगा
नई दिल्ली, 3 सितम्बर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को उड़ीसा सरकार से राज्य में ईसाइयों की सुरक्षा के संबंध में कटक के आर्कबिशप की याचिका पर तुरंत जवाब देने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश के.जी. बालाकृष्णन,न्यायमूर्ति पी. सदाशिवम और जे.एम.पांचाल की खंडपीठ आर्कबिशप राफाएल चिनाथ की याचिका पर गुरुवार को विस्तृत सुनवाई करेगी।
विश्व हिंदू परिषद नेता प्रवीण तोगड़िया के नेतृत्व में स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की अस्थियों के साथ प्रस्तावित प्रदर्शन के मद्देनजर हिंसा की आशंका को देखते हुए, खंडपीठ ने राज्य सरकार से हिंसा नहीं भड़कने देने के लिए उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी भी मांगी है।
इस संबंध में अपनी आशंका जाहिर करते हुए आर्कबिशप के वकील कोलिन गोंजालवेज ने न्यायालय को बताया कि स्वामी के अंतिम संस्कार के दौरान भड़की हिंसा में कई लोगों की मौत हुई।
केंद्र सरकार की ओर से सुनवाई में शामिल होते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता गोपाल सुब्रह्मण्यम ने न्यायालय को बताया कि स्थिति का जायजा लेने के लिए गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्य का दौरा किया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से परामर्श के बाद केंद्र सरकार न्यायालय को राज्य की स्थिति से अवगत कराएगी।
सुब्रह्मण्यम ने न्यायालय को बताया कि उन्होंने याचिका की एक प्रति पहले ही गृह सचिव मधुकर गुप्ता के पास भेज दी है।
आर्कबिशप ने अपनी याचिका में कहा है कि उड़ीसा सरकार ने जानबूझकर कंधमाल के गांवों में पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं की।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।