उड़ीसा में फिर सांप्रदायिक तनाव
पिछले महीने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की केंद्रीय समिति के सदस्य स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती समेत पांच लोगों की हत्या के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रदेश के ग्यारह जिलों में रह-रह कर हिंसा भड़क जाती है। अब तक मरने वालों की संख्या 16 हो गई है।
कर्फ्यू के बावजूद सोमवार को कंधमाल जिले में दो और लागे मारे गए और ईसाई समुदाय के चार दर्जन घर और गिरिजाघरों को आग के हवाले कर दिया गया। ईसाई समुदाय के लोगों की संपत्तियों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
प्रभावित इलाकों में रहने वाले ईसाई राहत शिविरों में पनाह ले रहे हैं या फिर जंगलों में छिपने को मजबूर हो गये हैं। हिंसा से निपटने के लिए प्रभावित जिलों में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किया गया है। अधिकारिक सूचना के मुताबिक हिंसक वारदातों में अबतक कम से कम 543 घरों व 17 गिरिजाघरों को आग के हवाले किया जा चुका है।
कंधमाल के जिलाधिकारी कृष्ण कुमार का कहना है कि ईसाई समुदाय के लोगों के लिए जिले में नौ राहत शिविर लगाये गये हैं। अभी तक करीब 13500 लोगों ने राहत शिविरों में पनाह ली है।
सोमवार की हिंसा को देखते हुए कंधमाल के साथ राज्य के बोलानगीर, बारगढ़, कंधमाल, गजापति, गंजाम, कोरापुट, रायगढ़, भद्रक और केंद्रपाड़ा जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पुलिस महानिदेशक आरपी सिंह के मुताबिक सोमवार की हिंसा में तीन शव बरामद किये जा चुके हैं। दो शव रायकिया इलाक़े से और एक टीकाबली इलाक़े से मिला है। इससे पहले श निवार की हिंसा में मारे जाने वालों की स 18 लोग मारे जा चुके हैं।
जानकारोंरका मानना है कि जैसे जैसे पुलिस राज्य के अंदरूनी इलाक़ों में पहुँचेगी और शव बरामद हो सकते हैं। इधर राज्य सरकार की एक उच्चस्तरीय समिति मंगलवार को स्थिति का आकलन करने कंधमाल जाएगी।