बीएमडब्ल्यू कांड : संजीव नंदा दोषी, सजा बुधवार को (लीड-2)
नई दिल्ली, 2 सितम्बर (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने बीएमडब्ल्यू हिट एंड रन मामले में हथियार व्यापारी सुरेश नंदा के बेटे और भारतीय नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल एस. एम. नंदा के पोते संजीव नंदा को दोषी ठहराया है।
संजीव ने अपनी बीएमडब्ल्यू कार से दक्षिणी दिल्ली के लोधी कालोनी इलाके में 10 जनवरी 1999 को छह लोगों को कुचल दिया था। अदालत ने संजीव के साथ कार में सवार उसके दोस्त मानिक कपूर को बरी कर दिया। इस मामले में सजा बुधवार को सुनाई जाएगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार ने संजीव को धारा 304 (2) के तहत गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया। इस अपराध के तहत अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है।
यह संभवत: पहला मामला है जब अदालत ने किसी आरोपी को धारा 304 (2) के तहत दोषी ठहराया है। इस तरह के अधिकतर मामलों में धारा 304 (1) के तहत फैसला सुनाई जाती है। इसके तहत मौत का कारण लापरवाही से वाहन चलाना होता है और इसमें अधिकतम दो साल की सजा हो सकती है।
मामले के अन्य आरोपी व्यापारी राजीव गुप्ता और उसके दो घरेलू नौकरों भोला नाथ और शाम सिंह को सबूत नष्ट करने का दोषी पाया गया। राजीव का बेटा सिद्धार्थ भी दुर्घटना के वक्त कार में सवार था, जिसे अदालत ने अगस्त 1999 में बरी कर दिया था।
बुधवार को बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद सजा सुनाई जाएगी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक 10 जनवरी की रात नंदा ने तीन पुलिसकर्मियों सहित छह लोगों को कुचल दिया था। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने यह साबित किया कि दुर्घटना के वक्त संजीव शराब के नशे में था।
दुर्घटना के बाद संजीव, मानिक और सिद्धार्थ भागकर गुप्ता के गोल्फ लिंक्स स्थित घर पहुंचे थे जहां राजीव गुप्ता और उसके नौकरों ने कार की सफाई की थी।
दुर्घटना के एक दिन बाद 11 जनवरी को पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें से तीन, जो कार में सवार थे, को गैरइरादतन हत्या का आरोपी बनाया गया जबकि तीन अन्य को सबूत नष्ट करने का अरोपी बनाया गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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