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बिहार बाढ़ : लाखों पीड़ितों के हजारों दर्द

By Staff
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पटना, 2 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार में आई बाढ़ के कारण लाखों लोग बेघर हो गए हैं और इन बेघर हुए लोगों के हजारों दर्द हैं। किसी को अपने बेटे के खोने का दर्द है तो कोई अभी भी अपने बिछुड़ों को खोज रहा है। सरकार द्वारा पहुंचाई जा रही मदद पीड़ितों के लिए नाकाफी साबित हो रहा है।

मधेपुरा जिला के मुरलीगंज प्रखंड के बिहारीपाड़ा गांव के रहने वाले मुन्द्रिका साह बताते हैं कि जिस दिन बाढ़ आई थी उस दिन वे अपने घर में अकेले थे। बाढ़ के बाद गांव में अफरा तफरी का माहौल था। हर कोई जान बचाने के लिए भाग रहा था। गांव के ही दो व्यक्ति अमर और सोहन को मैंने कोसी के पानी में बहते देखा, परंतु उसे बचाने के लिए कोई आगे नहीं आया।

रहटा गांव के रहने वाले चलितर साह आज पटना में अपने एक रिश्तेदार के यहां पूरे परिवार के साथ पनाह लिए हुए हैं। मुर्झाया चेहरा लिए चलितर बताते हैं कि उनका एक नौ वर्षीय बेटा उस दिन खो गया जिस दिन नाव गांव में बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने आई थी। अपने को बदनसीब मान उन्होंने कहा कि वे पुत्र का दाह संस्कार तक नहीं कर पाए। उन्हें अफसोस है कि अगर एक दिन पूर्व ही गांव में नाव चली आती तो शायद उनका बेटा बच जाता।

उधर, पटना में रहने वाले पूर्णिया के बड़हारा गांव निवासी मनीष को अब अपने परिवार की चिन्ता सता रही है। उन्होंने बताया कि कल सोमवार तक उन्होंने अपनी मां से बात की थी, परंतु आज सुबह से उनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा। उन्होंने बड़े व्यथित शब्दों में कहा, "हम गांव जा नहीं सकते और परिजनों की कोई खबर नहीं मिल रही।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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