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बिहार बाढ़ : कहर जारी, मधेपुरा भेजी गई सेना की एक और टुकड़ी (लीड-2)

By Staff
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उधर, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। दौरा करने के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि यह बाढ़ राज्य सरकार के लिए एक चुनौती है और जो इस चुनौती का निर्वहन बखूबी कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को कोसी के तटबंध के विषय में नेपाल सरकार से बात करनी चाहिए।

उधर, केंद्रीय जल आयोग की माने तो कोसी नदी के बैराज में पानी में कमी आ रही है। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अजय नायक ने आज बताया कि बैराज क्षेत्र में मंगलवार को एक बजे कोसी का बहाव एक लाख 18 हजार क्यूसेक और चार बजे 1 लाख 11 हजार क्यूसेक पानी था जबकि सोमवार की शाम 1 लाख 15 हजार क्यूसेक था। उन्होंने कहा कि सोमवार से बैराज में कोसी का पानी घट बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि कोसी के पानी की मात्रा में अनिरंतरता पानी के कमी का परिचायक है।

इधर, बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) राहत शिविरों में 400 चापाकल और इतनी ही मात्रा में शौचालय बनाने का निर्णय लिया है। पीएचईडी के सचिव शशि शेखर शर्मा ने बताया कि सहरसा जिले के राहत शिविरों में 68 चापाकल और 34 शौचालय बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि सुपौल में 113 चापाकल और 54 शौचालय, मधेपुरा में 92 चापाकल व 60 शौचालय, अररिया में 84 चापाकल व 131 शौचालय तथा पूर्णिया में 56 चापाकल और 120 शौचालय बनाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक राहत शिविर में विभाग का भी कैंप कार्यालय अनवरत कार्य करेगा।

इस बीच मधेपुरा जिले में बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए सेना की एक और टुकड़ी भेजी गई है। मधेपुरा शहर और प्रखंडों को बाढ़ ने जहां तबाह कर रखा है वहीं सड़कों के कटाव होने से आवागमन कई जगहों पर प्रभावित हो रहा है।

सहरसा में अब तक जिले के पांच प्रखंडों की 37 पंचायतें पूरी तरह तथा 14 पंचायतें आंशिक रूप से प्रभावित हो चुके हैं। पूर्णिया में कोसी का पानी कुछ नए इलाकों में फैल गया है। पूर्णिया-बनमनखी रेलमार्ग पर बाढ़ का पानी आ जाने के कारण इस रेलमार्ग पर आवागमन रोक दिया गया है।

अररिया जिले के नरपतगंज, भरगामा, रानीगंज में बाढ़ की स्थिति यथावत बनी हुई है। सुपौल के त्रिवेणीगंज और छातापुर में आज भी लोग बाढ़ के पानी में बुरी तरह फंसे हुए हैं। त्रिवेणीगंज के कई और नए इलाके बाढ़ के पानी में फंस गए हैं।

उधर, कटिहार और अररिया के फारबिसगंज में कोसी का पानी तेजी से नीचे उतरा है। जल संसाधन विभाग के सूत्रों की माने तो कुरसेला के निकट कोसी की नई धारा को गंगा में मिलने से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में जलस्तर में कमी आई है।

राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव आऱ क़े सिंह ने मंगलवार को बताया कि अब हमारे पास प्रतिदिन 50 हजार से अधिक बाढ़ में घिरे लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की क्षमता हो गई है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि अगले तीन दिनों में सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया जाएगा। इलाके में सेना और नौसेना की कार्यरत टुकड़ियों के अलावे सेना की 10 और टुकड़ी की मांग की गई है।

सिंह के मुताबिक खाने के पैकेट गिराने के काम में नौ हेलीकॉप्टर लगे हुए हैं। तीन और हेलीकाप्टर मंगा लिए गए हैं और अब इनकी संख्या 12 हो जाएगी। उन्होंने बताया कि खाने के पैकिंग के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार से विशेष किस्म के बैग मंगवाये गए हैं, पानी में गिरने के बावजूद ये डूबेंगे नहीं और खाना भी नहीं भीगेगा।

प््राधान सचिव ने बताया कि अभी बाढ़ प्रभावित इलाकों में 200 से ज्यादा राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राहत शिविरों के लिए 2600 तंबू पहुंच चुके हैं तथा और 5500 तंबू जल्द ही पहुंच जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि पटना या भागलपुर में राहत शिविर नहीं खोले जायेंगे।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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