पहली बार कैनवस पर दिखेगा अफगानी महिलाओं का दर्द
नई दिल्ली, 2 सितम्बर (आईएएनएस)। अफगानिस्तान के इतिहास में यह पहला मौका है जब महिलाओं की कलाकृतियों की प्र्दशनी आयोजित की जा रही है। इस प्रदर्शनी के जरिये 18 युवतियां अपनी कलाओं का प्रदर्शन करेंगी। जिसमें महिलाओं के प्रति हिंसा, उनका शोषण, उनके संघर्ष से लेकर विकास तक की कहानी को कूची के जरिये व्यक्त करेंगी। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में यह प्रदर्शनी 9 से 14 सितंबर तक लगेगी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के अध्यक्ष डॉ. कर्ण सिंह की उपस्थिति में इस प्रदर्शनी का उद्घाटन 8 सितंबर की शाम 6.30 बजे नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) में करेंगी।
अफगानिस्तान में महिलाओं के प्रति हिंसा की जड़ें गहरी हैं, जिसका राजनीतिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक परिदृश्य पर असर पड़ता है, लेकिन अब वहां काफी कुछ बदल रहा है। कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने के उद्देश्य से वहां काफी प्रयास किए जा रहे हैं। इस प्रदर्शनी में अफगानी महिलाओं का कुछ ऐसा ही दर्द देखने को मिलेगा।
यह प्रदर्शनी 'सेंटर फोर कंटेम्पररी आर्ट अफगानिस्तान' (सीसीएए) के सहयोग और 'वूमेन ऑफ द वर्ल्ड फाउंडेशन' (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के वर्षभर के प्रयासों का परिणाम है, जिसे भारत लाने का श्रेय आईसीसीआर को जाता है।
प्रदर्शनी में 16 से 25 साल के उम्र की कुल 18 युवतियों की कलाकृतियों को स्थान दिया गया है। मात्र आठ महीने के प्रशिक्षण के बाद अपनी भावनाओं को खूबसूरती से कैनवस पर उड़ेल देने वाली इन युवतियों में कुछ अनपढ़ भी हैं, लेकिन भावनाओं को रंग देने में उन्होंने कहीं कसर नहीं छोड़ी। इन कृतियों में अफगानिस्तान की महिलाओं का दर्द स्पष्ट रूप से झलकता है। इन महिलाओं को अफगानिस्तान के कला इतिहास का अग्रणी माना जाएगा।
नई दिल्ली के बाद यह प्रदर्शनी कोलकाता स्थित रविंद्रनाथ टैगोर सेंटर और उसके बाद अमेरिका, इटली, जर्मनी और स्पेन में भी लगाई जाएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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