सिंगुर विवाद से रोजगार को लेकर युवा पीढ़ी चिंतित
कोलाकाता, 31 अगस्त (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में सिंगुर स्थित दुनिया की सबसे सस्ती कार 'नैनो' की निर्माणाधीन उत्पादन इकाई के विवाद में फंसने से युवा पीढ़ी को रोजगार की संभावना क्षीण होने की चिंता सताने लगी है।
ऑटोमोबाइल इंजीनियर कृषाणु दास ने कहा, "मैं समझता हूं कि यदि टाटा मोटर्स सिंगुर में फैक्ट्री लगाती है, तो इससे बड़ी संख्या में इंजीनियरों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्हें रोजगार के लिए बाहर जाने की जरूर नहीं रहेगी। लेकिन अब ऐसा लगता है कि यह असंभव है।"
दास फिलहाल पुणे स्थित एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करते हैं। उन्होंने नैनो फैक्ट्री में नौकरी मिल जाने की स्थिति में अपने गृह राज्य लौटने की योजना बनाई थी।
जादवपुर विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष की छात्रा मौमिता डे का कहना है, "मैंने सोचा था कि नैनो फैक्ट्री शुरू हो जाने के बाद देश खास तौर पर राज्य (पश्चिम बंगाल) के औद्योगिक परिदृश्य में काफी बदलाव आएगा। लेकिन हालिया घटनाओं से तो यह दूर का सपना प्रतीत होने लगा है।"
इस सप्ताह नैनो की निर्माणाधीन उत्पादन इकाई के मसले पर राज्य की सत्ताधारी वाम मोर्चा और विपक्षी तृणमूल कांग्रेस के बीच राजनीतिक दाव पेंच को लेकर कई पेशेवर युवाओं ने इसी तरह के विचार व्यक्त किए। इस मसले पर उनकी टिप्पणी से उनकी मायूसी साफ झलकती है।
अनिंदिता दास की बेटी इंजीनियरिंग की छात्रा हैं। उन्होंने कहा, "मैंने सोचा था कि मेरी बेटी घर लौट सकती है और उसे नौकरी मिल जाएगी। लेकिन बदलते हुए हालात की वजह से हमारी उम्मीदें क्षीण होती जा रही हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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