बाढ़ पीड़ितों का आश्रयस्थल बना पूर्णिया
पूर्णिया, 31 अगस्त (आईएएनएस)। कोसी नदी का कहर झेल रहे बिहार के उत्तर-पूर्वी जिलों के बाढ़ प्रभावित लोग इन दिनों पूर्णिया जिला मुख्यालय में शरण लिए हुए हैं। क्षेत्र के सहरसा, मधेपुरा, सुपौल और इसके आसपास के इलाके बूरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं।
बनमनखी, धमदाहा, अमौर, सुपौल, भवानीपुर आदि इलाकों से लोग पूर्णिया शहर में विभिन्न जगहों में चलाए जा रहे राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। यहां के इंदिरा गांधी स्टेडियम और पूर्णिया महाविद्यालय में स्थानीय लोगों की मदद से राहत शिविर चलाए जा रहे हैं।
अमौर के तारिक मियां अपने परिवार के साथ जान बचाकर पूर्णिया पहुंचे। तारिक को सबसे पहले इंदिरा गांधी स्टेडियम में ठहराया गया और फिर उन्हें पूर्णिया महाविद्यालय परिसर में चल रहे राहत शिविर में रखा गया। स्थानीय लोग बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए आगे आ रहे हैं। विभिन्न राहत शिविरों में शहरवासी भोजन और दवाई उपलब्ध करा रहे हैं।
गौरतलब है कि कोसी नदी अब मधेपुरा, सुपौल, पूर्णिया, सहरसा, खगड़िया और फारबिसगंज के नए क्षेत्रों को अपनी चपेट में ले ली है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक राज्य में बाढ़ से 40 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। पूर्णिया जिले के बीकोठी, बनमनखी, रूपौली और धमदाहा प्रखंडों में कोसी का कहर जारी है। जलस्तर में वृद्धि से बीकोठी की ढीबराधनी, भनसारा व लतहारा पंचायतों में पानी प्रवेश कर गया है।
बाढ़ की भयावह स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बनमनखी-मुरलीगंज सीमा पर चैनपुर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-107 का आधा हिस्सा पानी में बह गया है।
इंडो-एशिय न्यूज सर्विस।
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