बिहार में कोसी का तांडव जारी, 67 के मरने की आशंका
पटना, 30 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है और कोसी नदी का पानी मधेपुरा, सुपौल, पूर्णिया, सहरसा, खगड़िया और फारबिसगंज के नए इलाकों में प्रवेश करता जा रहा है। पूरे राज्य में बाढ़ से अब तक 67 लोगों के मरने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
मधेपुरा में बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। शुक्रवार को यहां मुरलीगंज प्रखंड के मीरगंज इलाके में बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के काम में लगी सेना की एक नाव के पलट जाने से बीस लोग लापता हो गए।
उधर, वाल्मीकिनगर गंडक बैराज से पिछले 24 घंटों में दो लाख 36 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से स्थिति और खराब हो गई है। सुपौल, मधेपुरा, अररिया और सहरसा की स्थिति बदतर बनी हुई है। सहरसा जिले के पांच प्रखंडो के 62 गांवों में बाढ़ का पानी घुस आया है जबकि अररिया के चार प्रखंडों के 72 गांव बाढ़ की चपेट में बताए जाते हैं। उधर, सुपौल जिले के पांच प्रखंडों के 243 गांव और मधेपुरा जिला के 11 प्रखंडों के 378 गांव बाढ़ के पानी में घिरे हुए हैं।
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव प्रत्यय अमृत ने शनिवार को बताया कि बाढ़ में फंसे तीन लाख लोगों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में 150 से ज्यादा राहत शिविर चलाए जा रहे हैं और जल्द ही पूर्णिया, सहरसा और बथनाहा में और राहत शिविर खोले जाएंगे।
विशेष सचिव ने बताया कि बाढ़ प्रभावित जिलों में करीब 4000 तंबू भेज दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मधेपुरा जिले में कल की नाव दुर्घटना में लापता हुए 20 लोगों को अगर मृतकों की सूची में डाल लिया जाए तो राज्य में बाढ़ के कारण हुई मौतों की संख्या 67 हो जाएगी।
अमृत ने बताया कि बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित चार जिलों सुपौल, मधेपुरा, अररिया और सहरसा में अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है, इस आंकड़े में कल की नौका दुर्घटना में लापता 20 लोग शामिल हैं। जबकि अन्य जिलों में अब तक बाढ़ के कारण 35 लोग जलसमाधि ले चुके हैं। उधऱ अपुष्ट खबरोंमें बाढ़ से मरने वालों की संख्या सौ से ज्यादा बताई जा रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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