नई प्रणाली से ज्यादा सुरक्षित बना वाईफाई नेटवर्क
न्यूयार्क, 26 अगस्त (आईएएनएस)। अमेरिका स्थित कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने वाईफाई नेटवर्किं ग की एक नई प्रणाली विकसित की है, जो पारंपरिक प्रणाली से ज्यादा सुरक्षित है। आतंकवादी तत्वों द्वारा इसके नाजायज इस्तेमाल के खतरे भी कम हैं।
न्यूयार्क, 26 अगस्त (आईएएनएस)। अमेरिका स्थित कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने वाईफाई नेटवर्किं ग की एक नई प्रणाली विकसित की है, जो पारंपरिक प्रणाली से ज्यादा सुरक्षित है। आतंकवादी तत्वों द्वारा इसके नाजायज इस्तेमाल के खतरे भी कम हैं।
दरअसल हाल ही में कंप्यूटर सॉफ्टवेयर 'डोमेन नेम सिस्टम' यानी डीएनएस में एक कमजोरी पाई गई थी। डीएनएस का इस्तेमाल दो कंप्यूटरों के बीच संदेशों के प्रवाह के लिए किया जाता है। 'पर्सपेक्टिव' नाम की नई प्रणाली इसी कमजोरी से सुरक्षा प्रदान करती है।
मेलॉन में कंप्यूटर विज्ञान के सहायक प्रोफेसर डेविड एंडर्सन ने कहा कि इंटरनेट में वायरलेस कनेक्शन के बढ़ते इस्तेमाल से आतंकवादी तत्वों द्वारा इंटरनेट आधारित आक्रमण यानी 'मैन इन द मिड्ल अटैक' का खतरा भी बढ़ा है।
मैन इन द मिड्ल अटैक सूचना प्रौद्योगिकी आधारित आक्रमण की एक ऐसी विधि है, जिसमें आक्रमणकर्ता कंप्यूटर के माध्यम से बैंक जैसे लक्षित स्थान तक एक सुरक्षित कड़ी का प्रयोग करता है। उस दौरान दोनों के बीच संदेशों की आवाजाही पर आक्रमणकर्ता का नियंत्रण होता है।
वाईफाई नेटवर्किं ग की नई प्रणाली में इस खतरे से सुरक्षा रहती है। एंडर्सन के मुताबिक नई प्रणाली का इस्तेमाल सरल और किफायती है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।