बाढ़ के कारण मधेपुरा जेल के कैदियों को सहरसा ले जाने का फैसला (लीड-1)
पटना, 26 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार में बाढ़ की स्थिति लगातार विकराल बनती जा रही है। मंगलवार को बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित मधेपुरा जिले की जेल में बंद कैदियों को सहरसा जेल में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया।
मधेपुरा के जिलाधिकारी राजेश कुमार ने आईएएनएस को बताया कि मधेपुरा जेल में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। सुरक्षा एवं कैदियों की सुविधा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
उधर, मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में राज्य में बारिश में कमी होने की संभावना व्यक्त की है। पटना मौसम विभाग केन्द्र के निदेशक क़े प्रसाद ने बताया है कि राज्य में एक-दो दिनों में बारिश की संभावना नहीं है। प्रसाद ने कहा, "हवा में आद्र्रता ज्यादा है, इस कारण उमस भी अधिक है। आने वाले दिनों में राज्य में बारिश में कमी होगी।"
राज्य के लगभग दस लाख लोग बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), विशेष सहायक बल (सैप) एवं राज्य पुलिस बल के करीब एक हजार जवानों को लगाया गया है।
राज्य में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है और पिछले सप्ताह भर से कोसी के कहर में कोई खास कमी नहीं आई है। बाढ़ का सबसे ज्यादा असर मधेपुरा, सुपौल और अररिया जिलों में देखा जा रहा है, जहां लाखों लोग पानी से घिरे हैं।
उधर, राज्य सरकार लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाने में लगी हुई है। मधेपुरा सदर अनुमंडल, मुख्य बाजार, उदाकिशुनगंज अनुमंडल तथा सहरसा के कई नए इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।
मधेपुरा-वीरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बाढ़ के पानी ने भारी तबाही मचा रखी है। मधेपुरा के 13 प्रखंडों में से 11 बाढ़ प्रभावित हैं। मुरलीगंज प्रखंड के करीब चार सौ लोग कृषि उत्पादन बाजार समिति के परिसर मे डेरा डाले हैं। सुपौल जिले के छातापुर, प्रतापगंज में जलस्तर बढ़ने से अफरा-तफरी मची हुई है।
उधर, पूर्णिया जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के विद्याालयों को अगले आदेश तक बंद रखने का आदेश दिया है। पूर्णिया के जिलाधिकारी श्रीधर सिह ने मंगलवार को बताया कि जिले के बनमनखी प्रखंड के तीन पंचायत क्षेत्र बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिले की सीमा पर निगरानी रखी जा रही है।
कटिहार के कुरसेला व फलका प्रखंडों में बाढ़ के पानी से तबाही मची हुई है। राज्य के आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री नीतीश मिश्र ने मंगलवार को बताया कि बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित अररिया, मधेपुरा व सुपौल जिलों के करीब दस लाख लोग बाढ़ में फंसे हैं, जिन्हें किसी भी कीमत पर वहां से निकालना होगा।
मिश्र ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए सरकार युद्घस्तर पर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राहत शिविरों में वायुसेना के हेलीकाप्टर राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं और प्रभावित इलाकों में अब तक लगभग 14 हजार से ज्यादा खाद्य सामग्री के पैकेट गिराए गए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*