लतीफ मियां का कृष्ण प्रेम!
वाराणसी, 26 अगस्त (आईएएनएस)। धर्म अध्यात्म और मोक्ष की नगरी काशी की संकरी गलियों में गंगा के अलावा सांप्रदायिक सौहार्द की भी एक धारा बहती है। कबीर, तुलसी, रैदास तथा महात्मा बुद्ध के इस शहर बनारस में हिंदू मुसलमान आज भी ताने-बाने की तरह रहते हैं।
इसकी मिशाल फिर एक बार कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर तब देखने को मिली जब एक पक्के मजहबी मुसलमान और पांचों वक्त के नमाजी लतीफ मियां ने धर्म जाति और मजहब से ऊपर उठकर न सिर्फ कृष्ण जन्मोत्सव मनाया बल्कि उसका प्रसाद भी लोगों में वितरित किया।
वाराणसी के जिला महिला चिकित्सालय में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी मो़ लतीफ ने प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाया। जिला महिला अस्पताल परिसर में स्थापित राधाकृष्ण मन्दिर में लतीफ मियां ने सोमवार को दिन भर मेहनत करके पूरे मन्दिर परिसर की साफ सफाई की तथा अपने हाथों से आकर्षक सजावट करके परम्परानुसार रात में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया।
अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी लतीफ मियां के विचार आसमान से भी ऊंचे हैं। कृष्ण से प्रेम का कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि कृष्ण प्रेम के भी देवता हैं और प्रेम जाति, पाति और मजहब नहीं देखता है। और जहां तक हमारे धर्म में बुतपरस्ती हराम की बात है तो मैं बता देना चाहता हूं कि धर्म इंसानों के लिए बनाए गये हैं इंसान धर्म के लिए नहीं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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