बिहार में बाढ़ से तबाही, बुधवार से सेना की मदद लेगी सरकार (लीड-2)
राज्य के आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री नीतीश मिश्र ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया कि बुधवार से बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित जिला अररिया और सुपौल में सेना के जवान भी राहत और बचाव कायरें में लग जाएंगे।
मिश्र ने बताया कि सुपौल में 14, मधेपुरा में 37 और अररिया जिले में 11 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाने के लिए वायुसेना के तीन हेलीकॉप्टर लगाये गये हैं, जिनकी संख्या बुधवार से चार हो जायेगी।
उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाकों में अब तक करीब 14 हजार से ज्यादा भोजन के पॉकेट गिराए जा चुके हैं। इसमें चूड़ा, सत्तू, गुड़, नमक और कुछ दवा दी जा रही है। उन्होंने बताया कि सुपौल जिले के पांच प्रखंडों की 73 पंचायतें, मधेपुरा जिले के सात प्रखंडों की 64 पंचायतें और अररिया जिले के चार प्रखंडों की 31 पंचायतें बाढ़ की चपेट में हैं। उधर, सरकार ने आगामी 29 अगस्त को बाढ़ के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
राज्य के लगभग दस लाख लोग बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), विशेष सहायक बल (सैप) एवं राज्य पुलिस बल के करीब एक हजार जवानों को लगाया गया है।
राज्य में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है और पिछले सप्ताह भर से कोसी के कहर में कोई खास कमी नहीं आई है। बाढ़ का सबसे ज्यादा असर मधेपुरा, सुपौल और अररिया जिलों में देखा जा रहा है, जहां लाखों लोग पानी से घिरे हैं।
उधर, राज्य सरकार लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाने में लगी हुई है। मधेपुरा सदर अनुमंडल, मुख्य बाजार, उदाकिशुनगंज अनुमंडल तथा सहरसा के कई नए इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।
मधेपुरा-वीरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बाढ़ के पानी ने भारी तबाही मचा रखी है। मधेपुरा के 13 प्रखंडों में से 11 बाढ़ प्रभावित हैं। मुरलीगंज प्रखंड के करीब चार सौ लोग कृषि उत्पादन बाजार समिति के परिसर मे डेरा डाले हैं। सुपौल जिले के छातापुर, प्रतापगंज में जलस्तर बढ़ने से अफरा-तफरी मची हुई है।
उधर, पूर्णिया जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के विद्याालयों को अगले आदेश तक बंद रखने का आदेश दिया है। पूर्णिया के जिलाधिकारी श्रीधर सिह ने मंगलवार को बताया कि जिले के बनमनखी प्रखंड के तीन पंचायत क्षेत्र बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिले की सीमा पर निगरानी रखी जा रही है। कटिहार के कुरसेला व फलका प्रखंडों में बाढ़ के पानी से तबाही मची हुई है।
इस बीच मधेपुरा में आये बाढ़ के पानी के कारण मंडलकारा के कैदियों को सहरसा मंडलकारा में स्थानांतरित करने का निर्णय जिला प्रशासन ने लिया है। मधेपुरा के जिलाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि कारा की सुरक्षा एवं कैदियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
उधर, मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में राज्य में बारिश में कमी होने की संभावना व्यक्त की है। पटना मौसम विभाग केन्द्र के निदेशक क़े प्रसाद ने बताया है कि राज्य में एक-दो दिनों में बारिश की संभावना नहीं है। प्रसाद ने कहा, "हवा में आद्र्रता ज्यादा है, इस कारण उमस भी अधिक है। आने वाले दिनों में राज्य में बारिश में कमी होगी।"
उल्लेखनीय है कि 18 अगस्त को नेपाल के कुशहा में कोसी का तटबंध टूटने के कारण भीषण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। राज्य में अररिया, मधेपुरा और सुपौल जिले सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित जिले हैं। यहां करीब दस लाख लोग बाढ़ से प्रभवित हुए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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