सस्ता तेल महंगाई से राहत की दवा नहीं : रिपोर्ट
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई हालिया गिरावट से तेज मुद्रास्फीति यानी महंगाई की दर नीचे आ जाएगी, इसकी उम्मीद मुगालते में रहने के बराबर है। आर्थिक विश्लेषकों की तो कम से कम यही राय है।
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई हालिया गिरावट से तेज मुद्रास्फीति यानी महंगाई की दर नीचे आ जाएगी, इसकी उम्मीद मुगालते में रहने के बराबर है। आर्थिक विश्लेषकों की तो कम से कम यही राय है।
आर्थिक विश्लेषक 'मूडीज इकोनॉमी डाट कॉम' ने मंगलवार को कहा कि कच्चे तेल की कीमतों के गिरने और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की कड़ी मौद्रिक नीतियों के बावजूद आने वाले दिनों में तेज मुद्रास्फीति बनी रहेगी।
मूडीज की अर्थशास्त्री शर्मन चान ने एक रिपोर्ट में कहा, "कच्चे तेल की कीमतों में हालिया गिरावट भारतीय उपभोक्ताओं को राहत नहीं पहुंचा पाएगी, क्योंकि तेल कंपनियों को दी जाने वाली सरकारी राहत अभी भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर से नीचे है।"
उन्होंने कहा, "अगले वर्ष जून से पहले तक ऊर्जा की ऊंची कीमतें भी बनी रहेंगी, क्योंकि दो महीने पहले सब्सिडी में कटौती की गई है।"
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बढ़ती महंगाई की एक महत्वपूर्ण वजह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कमोडिटी और खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतें भी हैं। चान का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में कमी से केवल सरकार को ऊर्जा की घरेलू कीमतें स्थिर रखने में सहायता मिलेगी।
गौरतलब है कि आरबीआई की कड़ी मौद्रिक नीतियों और सरकार के प्रशासनिक उपायों के बावजूद देश में महंगाई की दर लगातार बढ़ती जा रही है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक यह 12.64 प्रतिशत के स्तर पर जा पहुंची है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।