पेट्रोलियमः केंद्र नहीं उठाएगा राज्यों का बोझ

By Staff
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Petrol pump
नई दिल्ली, 25 अगस्तः पेट्रोलियम उत्पादों पर बिक्री कर घटाने के बाद चालू वित्त वर्ष में हो रहे 8000 करोड़ रुपये राजस्व नुकसान में केंद्र से हिस्सा बांटने की राज्यों की मांग को केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया है।

जून में केंद्र सरकार द्वारा ईंधन की कीमतों में की गई बढ़ोत्तरी के असर को कम करने के लिए राज्य सरकारों ने पेट्रोलियम उत्पादों पर बिक्री कर में कटौती की थी।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय को राज्यों की मांग में कोई खूबी नजर नहीं आई इसलिए मंत्रालय ने उक्त मांग ठुकरा दी।

उल्लेखनीय है कि कुल 33 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों में से दस राज्यों ने पेट्रोल पर बिक्री कर घटा दिया था जबकि पंद्रह ने डीजल पर लेवी में कटौती की थी। राज्यों ने उक्त कटौती प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अपील के बाद की थी।

वैट संबंधी राज्य वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि पेट्रोल और डीजल पर बिक्री कर घटाने से उन्हें चालू वित्त वर्ष में करीब 8 000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।

राज्यों ने राजस्व नुकसान का आधा बोझ केंद्र को उठाने के लिए कहा था। हालांकि सूत्रों ने कहा कि राज्यों द्वारा व्यक्त किया गया नुकसान का अनुमान सांकेतिक है क्योंकि उन्हें पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी से और अधिक आय हो रही है।

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