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बाढ़ राहत में मदद के लिए प्रधानमंत्री से मिलेंगे नीतीश (लीड-1)

By Staff
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पटना, 25 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार में बाढ़ की स्थिति दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है। स्थिति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से मदद मांगने का निर्णय लिया है। इस बाबत वे जल्द ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलने वाले हैं।

मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "बाढ़ से हुए नुकसान के पूरे आकलन के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात कर मदद की अपील की जाएगी। साथ ही बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत कार्य अगले तीन महीने तक लगातार जारी रखे जाऐंगे।"

उन्होंने कहा कि बाढ़ के नाम पर राजनीतिक नहीं होनी चाहिए, बल्कि बाढ़ से घिरे लोगों को बाहर निकालने में सभी राजनीतिक दलों को मदद करनी चाहिए। गैर सरकारी संगठनों को भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों की मदद करनी चाहिए। प्राकृतिक आपदा में सभी को मिलकर काम करना चाहिए, जिससे जल्द से जल्द इसके प्रभाव से बाहर निकला जा सके।

उल्लेखनीय है कि राहत कार्यो में कोताही बरतने के कारण सहरसा और सुपौल के जिलाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, कटिहार, खगड़िया समेत राज्य के 11 जिलों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। मधेपुरा में कोसी का पानी 100 किलोमीटर दूर बिहारीगंज तथा ग्वालपाड़ा में तांडव मचाने के बाद अब उदाकिशनगंज अनुमंडल मुख्यालय में भी फैल गया है।

वहीं खगड़िया जिला मुख्यालय के करीब दो सौ मकान बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सुपौल जिले के बीरपुर अनुमंडल के परमानंदपुर और कोचगामा पंचायत के करीब एक दर्जन गांवों में बाढ़ केकारण लोग राहत शिविरों में शरण लेने को विवश हो गए हैं। कटिहार जिले के फलका प्रखंड के सैकड़ों मकान भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

अररिया जिले के बाढ़ प्रभावित नरपतगंज, रानीगंज, भरगामा, जाकीहाट प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति यथावत बनी हुई है। इस जिले के 30 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। सहरसा जिले में कोसी नदी के जलस्तर में कमी आई है, परंतु केदली पंचायत में हुए कटाव के कारण बहुत से मकान बह गए हैं। सुपौल जिले के प्रतापगंज, बसंतपुर, छातापुर, त्रिवेणीगंज और राघोपुर प्रखंडों के नौ लाख लोग बाढ़ के पानी से प्रभावित हुए हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर आयुक्त प्रत्यय अमृत ने सोमवार को बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ में फंसे लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाने के लिए पुलिसकर्मी नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य की कुल 10़ 74 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है।

रविवार को बाढ़ प्रभावित जिलों के सर्वेक्षण के बाद देर रात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सहरसा और सुपौल के जिलाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। सुपौल के पुलिस अधीक्षक को भी बदल दिया गया है। पशु संसाधन विभाग के निदेशक एऩ सर्वानन कुमार को सुपौल तथा बाल विकास परियोजना के निदेशक आऱ लक्ष्मणन को सहरसा का जिलाधिकारी बनाया गया है। सरकार ने सुपौल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में शाहरुख मजीद को तैनात किया है।

सहरसा से हटाए गए जिलाधिकारी गरीब साहू और सुपौल के जिलाधिकारी मो़ शरीफ आलम एवं एसपी श्याम कुमार को मुख्यालय में योगदान करने को कहा गया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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