काबुल हमले से उपजे अविश्वास को दूर करना पािकस्तान सरकार के लिए चुनौती
इस्लामाबाद, 25 अगस्त (आईएएनएस)। काबुल में भारतीय दूतावास पर हुए हमले और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम के उल्लंघन से भारत के साथ संबंधों में आए तनाव और अविश्वास को दूर करना पाकिस्तान की गठबंधन सरकार के लिए बहुत बड़ी चुनौती है।
'द न्यूज' समाचार पत्र में सोमवार को प्रकाशित संपादकीय के अनुसार काबुल में भारतीय दूतावास और अन्य भारतीय शहरों में हुए विस्फोट तथा नियंत्रण रेखा पर जारी संघर्ष ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाया है।
अब गठबंधन सरकार के सामने यह चुनौती है कि वह इस नुकसान की तुरंत भरपाई करके भारत के साथ मजबूत संबंध कायम करे।
अखबार के अनुसार केवल उसी सरकार से जिसका सरकारी तंत्र पर पूरा नियंत्रण हो, एक संभावित शत्रु देश के साथ वार्ता शुरू करने और उसमें किसी हद तक सफलता पाने की आशा की जा सकती है।
पाकिस्तान को किसी भी तरह के स्थायी सद्भाव को कायम करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ द्वारा किए गए कार्यो से आगे जाकर प्रयास करना होगा। समाचार पत्र के अनुसार मुशर्रफ के अधिकांश प्रयास केवल दिखावा ही थे।
यद्यपि, उनकी स्वयं की इच्छा आगे कदम बढ़ाने की थी लेकिन अन्य लोगों के दबाव में उन्होंने अधिक चतुराई भरी नीति को अपनाया।
लेकिन एक निर्वाचित सरकार होने के कारण गठबंधन सरकार को अपना दृष्टिकोण बदलने की आवश्यकता है। उसे भारत के साथ विश्वास और सहयोग के रिश्ते के लिए लोगों को समझाने की जरूरत है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।