घाटी में कर्फ्यू के दौरान हिंसा में 50 घायल, जम्मू में बंद 31 अगस्त तक बढ़ा (राउंडअप)
श्रीनगर/जम्मू, 24 अगस्त (आईएएनएस)। कश्मीर घाटी में रविवार को कर्फ्यू के बावजूद बाहर निकलकर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हुईं। इन झड़पों में करीब 50 लोग घायल हो गए। घायलों में कुछ सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं।
श्रीनगर में सोमवार को अलगाववादी नेताओं के प्रस्तावित लाल चौक मार्च के मद्देनजर रविवार तड़के से घाटी में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया गया था। कई अलगाववादी नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया और कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारुक, शबीर अहमद शाह और मुहम्मद यासीन मलिक सहित कई अलगाववादी नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि कई जगहों पर सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे। इस बीच घाटी में सेना को सर्तक कर दिया गया। अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि उनके पास स्थानीय पुलिस की सहायता के लिए पर्याप्त सीआरपीएफ है लेकिन वे और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को मंगा रहे हैं।
इसबीच श्रीनगर के जिला प्रशासन ने रविवार को स्थानीय टेलीविजन चैनलों पर समाचार आधारित कार्यक्रमों के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया। प्रशासन का आरोप है कि ये चैनल लोगों को भड़काने वाली खबरें प्रसारित कर रहे हैं हालांकि इन चैनलों पर समाचारों के अतिरिक्त अन्य कार्यक्रम पहले की तरह ही प्रसारित होते रहेंगे।
जम्मू में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड को आवंटित की गई 40 हेक्टेयर वनभूमि वापस लिए जाने के विरोध में पिछले 31 दिनों से चला आ रहा बंद रविवार को आगामी 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया।
श्रीअमरनाथ श्राइन बोर्ड संघर्ष समिति के संयोजक लीला करण शर्मा ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, "चूंकि सरकार ने हमारे प्रतिनिधियों के साथ कल की तीन दौर की बातचीत के बाद भी अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है इसलिए हम अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। "
करीब 30 से अधिक राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक संगठनों की इस समिति का विरोध प्रदर्शन करीब दो महीनों से चल रहा है और पहले उन्होंने इसे सोमवार शाम तक जारी रखने की बात कही थी।
उधर, राजधानी नई दिल्ली में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) के अध्यक्ष मोहम्मद शफी कुरेशी ने कहा कि अमरनाथ भूमि विवाद में हर कोई 'राजनीति' करने में लगा हुआ है और सरकार के अनिश्चय ने समस्या को और गंभीर बना दिया है।
कश्मीर घाटी के निवासी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुरेशी ने आईएएएनएस के साथ एक विशेष भेंट में बताया, "जमीन आवंटित किए जाने और फिर वापस लिए जाने के प्रकरण ने स्वार्थी तत्वों को घाटी के अंदर और बाहर माहौल खराब करने का औजार उपलब्ध करा दिया है।"
उन्होंने कहा कि ऐसी अनिर्णय की स्थिति के कारण ही राज्य में लोगों का धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण हो रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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