सूचना के अधिकार से मिली सेवानिवृत्ति की बकाया राशि
नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। आखिरकार 12 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद एक बीमार बुजुर्ग को सेवानिवृत्ति की बकाया रकम मिल जाएगी। वस्त्र मंत्रालय की इकाई ब्रिटिश इंडिया कापरेरेशन लिमिटेड(बीआईसी) से सेवानिवृत्त हुए 72 वर्षीय पी.एन. सहगल को यह राहत सूचना के अधिकार(आरटीआई) के दम पर मिल सकी।
नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। आखिरकार 12 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद एक बीमार बुजुर्ग को सेवानिवृत्ति की बकाया रकम मिल जाएगी। वस्त्र मंत्रालय की इकाई ब्रिटिश इंडिया कापरेरेशन लिमिटेड(बीआईसी) से सेवानिवृत्त हुए 72 वर्षीय पी.एन. सहगल को यह राहत सूचना के अधिकार(आरटीआई) के दम पर मिल सकी।
उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद निवासी सहगल पिछले सात वर्षो से प्रॉस्टेट और उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित हैं। उन्होंने इसी साल वस्त्र मंत्रालय में सूचना के अधिकार के तहत एक आवेदन डालकर सेवानिवृत्ति की बकाया राशि को न दिए जाने का कारण पूछा था। परंतु वहां से उनको कोई जवाब नहीं मिला।
इसके बाद उन्होंने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) में गुहार लगाई। मुख्य सूचना आयुक्त एम.एम. अंसारी ने 13 अगस्त को उनकी अपील सुनी। सहगल ने बकाया राशि से संबंधित हर बात को उनके सामने रखा और साथ ही उन्होंने बीआईसी और वस्त्र मंत्रालय को भी दोषी ठहराया।
अगले दिन यानी 14 अगस्त को ही अंसारी ने अपने आदेश में कहा कि बिना किसी वजह के किसी नागरिक की बकाया राशि को न देना भी गंभीर अपराध है। उन्होंने बीआईसी को 15 दिनों के भीतर सहगल को भुगतान करने और उसके दस दिनों के अंदर इसके संबंध में एक अनुपालन रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
अंसारी ने बीआईसी के सीएमडी से यह भी पूछा कि सहगल को अपनी लड़ाई लड़ने में जो पीड़ा झेलनी पड़ी है, उसके बदले में उनको क्यों न एक लाख रुपये का हर्जाना दिया जाए।
सहगल ने आईएएनएस को बताया कि वह वर्ष 1996 से इसके लिए लड़ाई लड़ रहे थे और इसमें उनका काफी अर्थिक और शारीरिक नुकसान हुआ।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।