घाटी में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू
शनिवार देर शाम तक चली दोनों पर्क्षों की वार्ता में तय हुआ तो बस इतना कि जल्द ही दोनों पक्ष दोबारा बातचीत करेंगे। दोनों पक्षों के चार-चार सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल की बातचीत में फिलहाल कोई हल नहीं निकला, जिस वजह से घाटी के हालात अगले एक सप्ताह तक सामान्य होते नजर नहीं आ रहे हैं।
श्रीनगर में सोमवार को होने वाले प्रदर्शन को रोकने के लिए रविवार की सुबह से ही घाटी के सभी दस जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। कई अलगाववादी नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान भी शहरों और कस्बों के इलाकों में गश्त कर रहे हैं और तैनात हैं।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, सोपियां, कुलगाम और पुलवामा में अधिकारियों ने सुरक्षा प्रबंधों को कड़ाई से लागू करने की बात कही है। इसके अलावा केंद्रीय कश्मीर के बडगाम, बारामूला, गंदरबल और कुपवाड़ा जिले में भी कर्फ्यू लगा दिया गया है।
श्रीनगर में सीआरपीएफ और पुलिस को शहर के पुराने व संवेदनशील इलाकों में पहले ही तैनात कर दिया गया है। इन इलाकों में पिछले दिनों उग्र भीड़ ने पुलिस पिकेट और अर्धसैनिक बलों के बंकरों को तोड़ दिया है। साथ ही जगह-जगह आगजनी भी की थी।
पुलिस
अधिकारियों
के
मुताबिक
स्थानीय
पुलिस
व
पर्याप्त
सीआरपीएफ
होने
के
बावजूद
अतिरिक्त
सुरक्षाबल
मंगवाया
गया
है।
उधर
सैयद
अली
शाह
गिलानी,
मीरवाइज
उमर
फारुक,
शबीर
अहमद
शाह
और
मुहम्मद
यासीन
मलिक
सहित
कई
अलगाववादी
नेताओं
को
उनके
घरों
में
नजरबंद
कर
दिया
गया
है।
उनसे
मिलने
की
अनुमति
किसी
को
नहीं
है।