शिक्षा क्षेत्र को मिले करों में छूट : फिक्की
नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। औद्योगिक संगठन 'फिक्की' का कहना है कि शिक्षा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए जरूरी है कि इस क्षेत्र को करों में उचित छूट दी जाए।
नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। औद्योगिक संगठन 'फिक्की' का कहना है कि शिक्षा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए जरूरी है कि इस क्षेत्र को करों में उचित छूट दी जाए।
'फेडरेशन आफ इंडियन चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री' यानी फिक्की ने रविवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि देश के शिक्षा क्षेत्र में भारी निवेश की जरूरत है। फिक्की के मुताबिक 11वीं पंचवर्षीय योजना में उच्च व तकनीकी शिक्षा के लिए 849.43 अरब रुपये आवंटित किया गया है। यह राशि इस क्षेत्र में देश की जरूरतों के लिए पर्याप्त नहीं है।
रिपोर्ट में फिक्की ने कहा, "सरकार ने देश में 16 केंद्रीय विश्वविद्यालयों, 370 महाविद्यालयों, 8 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों यानी आईआईटी, 7 भारतीय प्रबंधन संस्थानों, 10 राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों, 20 भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों, 5 भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थानों और सीमांत क्षेत्रों में 50 प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केंद्रों की स्थापना के लिए 306.82 अरब रुपये आवंटित किए हैं।"
फिक्की का कहना है कि योजना आयोग के आकलन के मुताबिक यह राशि पर्याप्त नहीं है। प्रस्तावित विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और संस्थानों की स्थापना में अतिरिक्त 2.22 खरब रुपये की जरूरत होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि योजना आयोग के अनुसार देश को दो सौ अतिरिक्त विश्वविद्यालयों की जरूरत है। स्पष्ट है कि देश में अच्छी गुणवत्ता वाली उच्च शिक्षा की जरूरतें पूरी करने के लिए सार्वजनिक स्रोत के कोष पर्याप्त नहीं हो सकते। इस जरूरत को पूरा करने के लिए शिक्षा क्षेत्र में निजी क्षेत्रों की भागीदारी और निवेश जरूरी है।
गौरतलब है कि सरकार फिक्की को शिक्षा क्षेत्र में निजी निवेश आकर्षित करने और निजी-सार्वजनिक भागीदारी के संभावनाएं तलाशने के लिए पहले ही कह चुकी है। सरकार ने फिक्की से कह रखा है कि वह 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान देश में 20 आईआईटी की स्थापना के लिए निजी क्षेत्र के सहयोगियों का चुनाव करे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।