जन्माष्टमी विशेष : हरियाणा भी जुड़ा है कृष्ण की लीला स्थली से
नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)। बहुत कम लोगों को ही यह जानकारी होगी कि हरियाणा के होडल जिले का भगवान श्रीकृष्ण से भी संबंध है। इस जिले का एक बड़ा इलाका 'ब्रज चौरासी कोस' के अंतर्गत आता है, जहां कन्हैया अपने ग्वाल सखाओं के साथ गायें चराया करते थे और अपनी लीलाओं और बांसुरी की धुनों से गोपियों को मोहित किया करते थे।
होडल जिले के वनचारी गांव में आज भी बाल कन्हैया की कथाएं घर-घर में सुनी जा सकती है। यहां प्राचीन काल का एक 'मोहन कुंड' है, जिसे भगवान कृष्ण से जोड़कर देखा जाता है। मोहन कुंड और इसके आस-पास के इलाके को लोग पवित्र मानते हैं। ऐसी किवदंती है कि यहां कृष्ण के बचपन का काफी समय बीता था। यह भी कहा जाता है कि वे इसी क्षेत्र में ग्वाल सखाओं के साथ गायें चराया करते थे।
गौरतलब है कि ब्रज क्षेत्र में सैंकड़ों कुंड हैं, जिन्हें भगवान कृष्ण से जोड़कर देखा जाता है। दूसरी ओर कुछ स्थानीय लोगों का मानना है कि वनचारी गांव में मोहन बाबा नाम के एक तपस्वी ने लंबे समय तक तपस्या की थी। यह कुंड उन्हीं के नाम से है। यहां उनकी समाधि भी है, जहां प्रत्येक वर्ष मेला लगता है,जिसमें ब्रज क्षेत्र के विभिन्न इलाकों से लोग यहां पहुंचते हैं।
वैसे इस क्षेत्र में मौजूद कुंडों की स्थिति अच्छी नहीं है। 'मोहन कुंड' का भी हाल कुछ अच्छा नहीं है। 'ब्रज फाउंडेशन' नामक एक संस्था इस क्षेत्र में प्राचीन कुंडों के रखरखाव को लेकर सक्रिय पहल कर रही है।
ब्रज फाउंडेशन 'मोहन कुंड' का भी जीर्णोद्धार करने में जुटा है। फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी विनीत नारायण ने कहा कि इस कार्य में स्थानीय लोग भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। माना जा रहा है कि इस तरह के प्रयासों से कन्हैया की बाललीला स्थली 'वनचारी' भी पर्यटन स्थलों में शामिल हो जाएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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