बीएमडब्ल्यू स्टिंग: आनंद व खान दोषी
न्यायमूर्ति मनमोहन सरीन और न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर की खंडपीठ ने इस मामले में बचाव पक्ष के वकील आनंद और विशेष अभियोजक खान पर चार महीने तक वकालत करने पर पाबंदी लगाने के साथ दोनों वकीलों पर आर्थिक दंड भी ठोका है।
उच्च न्यायालय ने आनंद और खान को बीएमडब्ल्यू कांड के मुख्य गवाह सुनील कुलकर्णी को रिश्वत देने की कोशिश करने का दोषी करार दिया है। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि आनंद और खान वरिष्ठ वकील हैं और किसी भी स्थिति में इन्हें माफ नहीं किया जा सकता है।
गौरतलब है कि 10 जनवरी 1999 में दिल्ली के लोदी रोड पर एक बीएमडब्ल्यू कार ने सड़क के किनारे सो रहे छह लोगों को कुचल दिया था। आरोप है कि कार को संजीव नंदा चला रहे थे।
इस
मामले
पर
पिछले
साल
एक
निजी
न्यूज
चैनल
ने
खुफिया
कैमरे
से
इस
मामले
में
मुख्य
अभियुक्त
संजीव
नंदा
के
वकील
आनंद
और
अहम
गवाह
सुनील
कुलकर्णी
के
बीच
बातचीत
को
रिकार्ड
किया
था।
खुफिया
कैमरे
से
सरकारी
वकील
खान
और
कुलकर्णी
के
बीच
बातचीत
भी
रिकार्ड
की
गई
थी।
स्टिंग
ऑपरेशन
के
मुताबिक
आनंद
और
खान
ने
मुख्य
गवाह
कुलकर्णी
को
संजीव
नंदा
के
पक्ष
में
गवाही
बदलने
पर
दबावा
बनाया
था।