वाहनों की चोरी के मुद्दे पर लिट्टे और नार्वे के संबंधों में खटास
नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। बारूदी सुरंगें हटाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे कुछ वाहनों की चोरी को लेकर लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम) और नार्वे के संबंधों में खटास आ गई है।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। बारूदी सुरंगें हटाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे कुछ वाहनों की चोरी को लेकर लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम) और नार्वे के संबंधों में खटास आ गई है।
नार्वे की नाराजगी इस बात को लेकर है कि लिट्टे ने अपने कब्जे वाले किलिनोच्चि जिले में काम कर रहे नार्वे के एक स्वयंसेवी संगठन 'नार्वेजियन पीपुल्स एड' (एनपीए) के कुछ भारी वाहनों पर जबरन कब्जा कर लिया। यह संगठन सन 2002 में उस समय से इस तमिल बहुल क्षेत्र में काम कर रहा है, जब यहां लिट्टे और श्रीलंका के बीच युद्धविराम संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे।
एनपीए के अनुसार उसने गत 24 जुलाई को पाया कि उसके कुछ वाहन चोरी हो गए हैं। उसने इस बात की शिकायत राष्ट्रीय भवन और बुनियादी ढांचा विकास मंत्रालय में दर्ज कराई।
अब श्रीलंका का कहना है कि लिट्टे इन वाहनों का उपयोग अपनी लड़ाई तेज करने के लिए करेगा। श्रीलंकाई सेना ने भी इन वाहनों को नष्ट करने की ठान ली है।
सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि एनपीए और नार्वे दोनों ने इस बात की शिकायत लिट्टे से की लेकिन उसने ऐसे कोई संकेत नहीं दिए जिससे लगे कि वह वाहन वापस करना चाहता है। इन वाहनों में दो अशोक लेलेंड ट्रक, एक टाटा पिकअप, एक टाटा 407 मिनी ट्रक और एक टाटा वाटर टैंकर, एक ट्रैक्टर, एक ट्रेलर, एक टोयोटा लैंड क्रूजर जीप और मित्सुबिशी कांटर ट्विन कैब शामिल है।
गौरतलब है कि नार्वे की सलाह पर ही लिट्टे ने कोलंबो में हुए दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के शिखर सम्मेलन को ध्यान में रखते हुए गत 22 जुलाई को युद्ध विराम की घोषणा की थी लेकिन श्रीलंकाई सरकार ने इसे ठुकराते हुए लिट्टे के खिलाफ अपना सैन्य अभियान जारी रखने का फैसला किया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।